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अजीब हालात : हरियाणा की नई विधानसभा चंडीगढ़ में बनाने का विरोध खुद भाजपा कर रही

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सैनी साध रहे निशाना मान पर, जाखड़ ने मोदी से कहा रुकवाएं हरियाणा विधानसभा जमीन का आवंटन

चंडीगढ़ 15 नवंबर। हरियाणा की नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के मामले में सियासत तेज हो गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक है।

उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान गलत राजनीति से ऊपर उठकर पंजाबियों के हित में काम करें। बेवजह के मुद्दों पर लोगों का ध्यान भटकाने का काम ना करें। सैनी ने कहा कि मान ने पहले एसवाईएल पर पंजाब के लोगों को गुमराह किया, अब भी गुमराह करने का काम कर रहे हैं। पंजाब के किसानों की फसल खरीद वहां की सरकार एमएसपी पर नहीं कर पाई। पंजाब हमारा बड़ा भाई है, वहीं के किसान हरियाणा को पानी देना चाहते हैं।

दिलचस्प पहलू यह है कि इस मामले में दोनों सूबों के नेता आमने-सामने हो गए हैं। हद ये कि पंजाब भाजपा प्रदेश ध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पीएम नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि वह हरियाणा विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में भूमि का आवंटन रुकवाएं। जाखड़ ने कहा कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ ना केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हैं। मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

वहीं, पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल-बादल ने भी इसका विरोध किया है। दूसरी ओर, हरियाणा के भाजपा नेताओं ने प्रदेश का अलग विधानसभा भवन चंडीगढ़ में बनने के हक में आवाज उठाते हुए पंजाब के नेताओं को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने तो हरियाणा भवन के लिए जमीन के बदले चंडीगढ़ को जमीन देने का भी विरोध किया है।

आज पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलने के बाद पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। ऐसे में हरियाणा को न तो चंडीगढ़ में विधानसभा बनाने का हक है और न ही अन्य इमारत। जिस तरह ईको सेंसिटिव जोन काे हटा दिया गया है, वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपना मेमोरेंडम राज्यपाल को देकर आए हैं। उसमें उस एक्ट का भी हवाला दिया है, जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जो संत लोंगेवाला का समझौता हुआ था, उसमें भी साफ कहा गया था कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने विश्वास दिलाया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सारी चीजों पर विचार किया जाएगा। वहीं हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान चंडीगढ़ पर हक जमाते हैं, लेकिन चंडीगढ़ तब उनका है, जब वह विभाजन में मिला हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर देंगे, जब हरियाणा को एसवाईएल का पानी दे देंगे। चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को स्वीकार करने और राज्य से किए गए लंबे समय से चले आ रहे वादों को पूरा करने का आह्वान किया है। बाजवा ने लिखा है कि चंडीगढ़ को पंजाब की विशेष राजधानी के रूप में बहाल करना न केवल सद्भावना का संकेत होगा, बल्कि सम्मानित वादों और आपसी सम्मान के बंधन में विश्वास को भी नवीनीकृत करेगा।

 

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