गुरदेव नगर में करोड़ों की सरकारी जमीन कब्जाने का मामला, इलाका निवासी ने किए खुलासे
विक्रम दत्त कपूर की मांग, बिल्डिंग ब्रांच अफसरों की नेटवर्थ की सरकार करवाए जांच
लुधियाना 14 नवंबर। गुरदेव नगर में पानी वाली टंकी के पास करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा होने का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में इलाका निवासी, प्रसिद्ध समाजसेवी और कारोबारी विक्रम दत्त कपूर की और से कई खुलासे किए गए हैं। इन खुलासों के बाद नगर निगम और बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों के खिलाफ बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। विक्रम दत्त कपूर ने बताया कि 2003 में हाईकोर्ट की और से सूमोटो लिया था। जिसमें राज्य के 4 नगर निगम को अपनी टाउन प्लानिंग स्कीम के दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए थे। अपनी स्कीम में लुधियाना नगर निगम की और से गुरदेव नगर में कब्जाई जा रही जमीन समेत कई जगह पार्क दिखाए थे। 2008 में इस मामले में जस्टिस टी.एस. ठाकुर और जस्टिस सूर्याकांत की डबल बेंच की और से ऑर्डर जारी किए थे। जिसमें ऑर्डर किए गए थे कि सरकारी व गैर सरकारी ग्रीन बेल्ट पर हुई एक्रोचमेंट को हटाया जाए। इसी के साथ ग्रीन बेल्ट को बरकरार रखने के ऑर्डर किए थे। विक्रम दत्त अनुसार हाईकोर्ट की डबल बेंच के ऑर्डरों को नगर निगम व बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों द्वारा दरकिनार करते हुए पार्क की जगह पर ही कंस्ट्रक्शन करने के लिए नक्शा पास कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि निगम अफसरों को हाईकोर्ट के आदेशों की भी प्रवाह नहीं है। जबकि अंडर दा टेबल रिश्वत लेकर सारा काम किया जा रहा है। जिसके चलते उन्होंने निगम कमिश्नर से मामले की एक्वायंरी कराने की मांग की है।
सतपाल मित्तल रोड पर भी कर डाली एंक्रोचमेंट
विक्रम दत्त कपूर ने कहा कि सतपाल मित्तल रोड पर भी गुरदेव नगर की तरफ 30 फीट सुए की जगह है। लेकिन फिर भी वहां पर सिटी मॉल, पान की शॉप, रेस्त्रां व बेकरी मालिक समेत तमाम लोगों द्वारा अवैध कब्जे कर लिए गए। विक्रम दत्त ने कहा कि नगर निगम द्वारा मल्हार रोड पर किए अवैध कब्जों पर नगर निगम द्वारा रेड क्रॉस के निशान भी लगाए थे। उम्मीद थी कि इन्हें तोड़ा जाएगा। लेकिन फिर कब्जाधारियों की निगम अफसरों के साथ आपसी सेटिंग हो गई और मामला दबा दिया गया।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद स्कीम में नहीं हो सकते बदलाव
विक्रम दत्त कपूर ने कहा कि एटीपी मोहन सिंह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने टाउन प्लानिंग स्कीम में बदलाव करते हुए पार्क की जगह पर नक्शा पास किया है। लेकिन हाईकोर्ट के ऑर्डर होने और ग्रीन बेल्ट पर कभी भी स्कीम में बदलाव नहीं हो सकता। अगर ऐसे बदलाव होने लगा तो शहरवासी यह समझ लें कि निगम कही भी कुछ भी कर डालेगा, उसे कोई रोक नहीं सकता।
बिल्डिंग ब्रांच एमटीपी से लेकर इंस्पेक्टर की नेटवर्थ हो चैक
इलाका निवासियों ने मांग की कि पंजाब सरकार को नगर निगम जोन-डी की बिल्डिंग ब्रांच के एमटीपी, एटीपी व इंस्पेक्टरों की नेटवर्थ चैक करनी चाहिए, जिससे पता चल जाएगा कि इनके पास कितनी ब्लैकमनी जमा है। लोगों ने कहा कि हलका विधायक को भी इस मामले में ध्यान देने की जरुरत है, क्योंकि अफसरों द्वारा लोगों से इतनी रिश्वत ली जा रही है कि वह लग्जरी घरों में रहते है और आलीशान जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।
आए दिन अफसर लगा रहे कैनेडा के चक्कर
विक्रम दत्त अनुसार वह 31 सालों से गुरदेव नगर में रह रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से गुरदेव नगर और सराभा नगर में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। लोगों ने कहा कि कारोबारी होने के बावजूद हमारे बिजनेस घाटे में जा रहे हैं। लेकिन निगम बिल्डिंग ब्रांच के कई अफसर ऐसे हैं, जिनके बच्चे कैनेडा पढ़ रहे है और वह खुद आए दिन कैनेडा का टूर लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने शायद उनकी सैलरी कई गुना बढ़ा दी है, इसी लिए अफसरों को इतना पैसा आ रहा है। नहीं तो रिश्वत मोटी मिल रही है। उन्होंने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी तेजवीर सिंह से मांग की कि बिल्डिंग ब्रांच द्वारा जारी किए जा रहे नक्शों और उनकी नेटवर्थ की जांच की जाए। जिससे बड़े खुलासे होंगे।
निगम कमिश्नर खोले एक्वायंरी, सच आ जाएगा सामने
इलाका निवासी का कहना है कि बेशक नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल बेशक नए कमिश्नर आए हैं। लेकिन शहर में निगम और बिल्डिंग ब्रांच द्वारा करवाए जा रहे अवैध कब्जों पर उन्हें ध्यान देने की जरुरत है। दत्त ने मांग की कि निगम कमिश्नर गुरदेव नगर की इस जमीन की फाइल ओपन करवाए और इसी एक्वायंरी की जाए। जिससे खुद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस मामले की अगर जांच हो जाए तो कई नामी राजनेता और कई उच्च अधिकारी फंसेगें। इसी डर से मामले की जांच करने से गुरेज की जा रही है।
दो दिन बाद भी नेता नहीं ले पाए लोगों की सार
वहीं इस मामले में आप नेता मनु जैरथ से बात की गई। उनका कहना था कि वह वीरवार को इलाके में नहीं जा सके, वह अभी मामले की जांच करवाएंगे। हालांकि इस मामले में बुधवार को भी मनु जैरथ की और से वीरवार को इलाका निवासियों से मामले की जानकारी लेने की बात कही थी। वहीं विधायक गुरप्रीत गोगी की और से 20 नवंबर तक उपचुनाव में व्यस्त होने की बात बोली गई। हैरानी की बात है कि इलाका निवासी अवैध कब्जों से परेशान है, लेकिन फिर भी नेता उनकी सार नहीं ले रहे।