दिल्ली/यूटर्न/12 नवंबर: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ऑपरेशन ईगल के तहत पिछले एक महीने में बंदूक तस्करों, रिसीवरों के इंटर स्टेट सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। क्राइम ब्रांच ने अभी तक हथियारों की तस्करी से जुड़े 18 आरोपियों को गिरफतार किया है। ये आरोपियों अलग-अलग गिरोह से जुड़े हैं. इनके पास पुलिस ने भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद की है। यह लोग कई राज्यों में हथियार स्पलाई करते थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से 4 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, 8 देसी पिस्तौल (देसी कट्टा), 1 देसी राइफल, 3 चाकू, 33 जिंदा कारतूस और एक चोरी की गई कार हुंडई आई-20 भी जब्त की है। बता दें कि दिल्ली और एनसीआर में सक्रिय बंदूक तस्करों के खिलाफ ऑपरेशन ईगल का मकसद हथियार तस्करों से जुड़े गिरोहों की कमर तोडऩा है।
सबसे पहले अरशद ओर सुलेमान के मिले सुराग
दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय बंदूक तस्करों के बारे में ्रक्रस्ष्ट क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि अरशद और मोहंमद सुलेमान निवासी मुल्ला कॉलोनी गाजीपुर डकैती की योजना को अंजाम देने के लिए नोएडा पहुंचने वाला है। इसके अलावा, वो अवैध हथियार और गोला-बारूद के साथ फर्जी नंबर प्लेट वाली चोरी की कार में यात्रा करेगा।
फिर, जुड़ते गए एक से बढक़र एक तस्करों के तार
इस सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी और इंस्पेक्टर रॉबिन त्यागी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने दिल्ली के गाजीपुर स्थित पेपर मार्केट में छापेमारी की। क्राइम ब्रांच की टीम ने सबसे पहले आई-20 कार को रोका, जिसके बाद आगे की यात्री सीट पर बैठे व्यक्ति ने टीम पर बंदूक तान दी, लेकिन पुलिस ने उसे धर दबोचा। इसके बाद पुलिस ने कार से दो लोगों को गिरफतार किया। दिल्ली पुलिस ने दोनों की पहचान मोहम्मद सुलेमान अंसारी निवासी पूर्वी दिल्ली और अरशद निवासी मुल्ला कॉलोनी के रूप में की है। उनके पास से 1 पिस्तौल, 3 जिंदा कारतूस, 3 चाकू और एक चोरी की कार जब्त की। आरोपियों के पास से बरामद कार दिल्ली के करोल बाग थाना क्षेत्र से चोरी की गई थी। अरोपियों ने खुलासा किया कि दिल्ली के पटपडग़ंज गांव निवासी अनुज उर्फ मोनी से अवैध हथियार खरीदे थे। दोनों आरोपियों की निशानदेही पर अनुज उर्फ मोनी को भी पुलिस ने गिरफतार करने के मामला दर्ज किया। जांच के दौरान पता चला कि अर्जुन नाम के एक व्यक्ति ने आरोपियों को अवैध हथियार मुहैया कराए थे। इस सूचना के आधार पर अर्जुन को कनावनी, मकनपुर गांव से गिरफतार किया गया। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि वो कई व्यक्तियों को अवैध हथियार और गोला-बारूद दिलवाता था। उसकी निशानदेही पर आसिफ उर्फ मोनू, निवासी पटपडग़ंज दिल्ली, सलमान अहमद उर्फ राजा निवासी पटपडग़ंज और अजय उर्फ तरुण निवासी शकरपुर दिल्ली को गिरफतार किया। तीनों के पास से पुलिस ने तीन देशी पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस जब्त किए।
आरोपी अजय उर्फ तरुण से पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि उसने मदन नाम के व्यक्ति को कई अवैध हथियार मुहैया कराए थे। पूछताछ में आरोपी अर्जुन ने खुलासा किया कि उसने कल्लू निवासी दुहाई को कई अवैध हथियार उपलब्ध कराए थे। उसकी निशानदेही पर शिवम उर्फ कल्लू निवासी दुहाई को गिरफतार किया गया और उसके पास से एक देसी पिस्तौल और जिंदा कारतूस जब्त किया गया। शिवम ने खुलासा किया कि उसने एक वंश उर्फ सनी निवासी दुहाई को एक देसी राइफल दी थी। जिससे बाद आरोपी वंश निवासी गाजियाबाद को गिरफतार किया गया और उसके पास से एक देसी राइफल और 2 जिंदा कारतूस जब्त किए गए।
दिल्ली पुलिस की टीम को आगे की जांच के दौरान पता चला कि ‘मदन गिरोह’ के रूप में जाना जाने वाला एक गिरोह है, जो दिल्ली और एनसीआर में अवैध हथियारों की सप्लाई करता है। आरोपी शिवम उर्फ कल्लू, वंश उर्फ सनी, मदन, छोटू पंडित, आशु गुर्जर, अभय यादव और इमाम उर्फ अरमान निवासी सेंटली, यूपी गिरोह के सदस्य हैं। पुलिस ने वंश उर्फ सनी की निशानदेही पर अभय यादव और इमान उर्फ अरमान उर्फ मान दोनों निवासी मुरादनगर, गाजियाबाद, यूपी को क्रमश 1 देसी पिस्तौल और 2 जिंदा कारतूस और 1 देसी पिस्तौल और 3 जिंदा कारतूस के साथ गिरफतार किया गया। दोनों ने खुलासा किया कि उन्होंने दीपक फर्टिला से अवैध हथियार खरीदे थे और उन्हें इमान उर्फ अरमान को बेच दिया था। मामले की आगे की जांच के दौरान दो आरोपियों हरेंदर उर्फ हर्षना निवासी बागपत यूपी, उम्र 23 वर्ष और अक्की उर्फ निखिल उर्फ निक्की उर्फ शिवा निवासी खेकड़ा, यूपी उम्र 23 वर्ष को गिरफतार किया। दोनों के पास से क्रमश: 1 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल के साथ 3 जिंदा कारतूस और 1 देसी पिस्तौल के साथ 3 जिंदा कारतूस जब्त किए गए। इसके अलावा, आरोपी मदन निवासी गाजियाबाद थाना ट्रोनिका सिटी उत्तर प्रदेश से पूछताछ की गई और दीपक फुर्टिला निवासी बलेनी बागपत के घर पर कई छापे मारे गए, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उसके खिलाफ एलडी कोर्ट से गैर जमानती वारंट प्राप्त किया। अवैध हथियारों की तस्करी के मामले में पुलिस ने 16 आरोपियों को गिरफतार करने में सफलता हासिल की है। इनके पास से 3 स्वचालित पिस्तौल, 8 देशी पिस्तौल, 1 देशी राइफल, 29 जिंदा कारतूस, 3 चाकू और एक चोरी की कार पुलिस न जब्त की है। जांच के दौरान इसी महीने 4 नवंबर को पुलिस अधिकारी बलजीत सिंह को एक सूचना मिली कि मदन गिरोह का सदस्य चेतन शर्मा नामक एक अपराधी सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना खादर में जाएगा। सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम बनाकर सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना खादर में छापा मारा और एक व्यक्ति जिसकी पहचान दिल्ली निवासी चेतन शर्मा उम्र-22 वर्ष के रूप में हुई, से एक लोडेड देसी पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस के साथ गिरफतार किया। चेतन शर्मा ने खुलासा किया कि वह मदन गैंग का सदस्य है और मदन ने उसे पिस्तौल और कारतूस दिए थे। उसने आगे खुलासा किया कि मदन ट्रॉनिका सिटी के एक हत्या के मामले में डासना जेल में बंद है। मामले की जांच के दौरान आरोपी मदन निवासी ट्रॉनिका सिटी को डासना जेल से गिरफतार किया और उसकी निशानदेही पर 1 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और 4 जिंदा कारतूस जब्त किए। वही पुलिस ने सभी पकडे गये आरोपियों को रिमांड पर लेकर और भी पूछताश शुरू कर दी है।
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ऑपरेशन ईगल का कमाल, हथियार तस्करों के जुड़ते गए तार, फिर जो हुआ उसे जान उड़ जाएंगे होश
Kulwant Singh
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