राज्य सरकार की लापरवाही का नतीजा बताया एनएचएआई के प्रोजेक्ट लेट होने को
चंडीगढ़ 11 नवंबर। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अहम आदेश दिया है। जिसके मुताबिक एनएचएआई और उसके ठेकेदारों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा गया। साथ ही अदालत ने कहा कि एनएचएआई के विभिन्न पायलट प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित जमीनों के कब्जा सुनिश्चित किए जाएं।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार की इस मामले में सुस्ती और असफलता को लेकर सख्त नाराजगी जताई। साथ ही इसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में देरी का कारण बताया। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर एनएचएआई के लिए भूमि को अतिक्रमण-मुक्त कराएं, ताकि परियोजना में कोई रुकावट न आए।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस कुलदीप तिवारी की खंडपीठ ने एनएचएआई और उसके ठेकेदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया। ताकि वे काम फिर से शुरू कर सकें। अदालत ने पंजाब सरकार से यह भी मालूम किया कि पिछले आदेश के बावजूद भूमि का पूर्ण कब्जा 15 अक्टूबर तक क्यों नहीं सौंपा जा सका। पंजाब सरकार द्वारा समय सीमा बढ़ाने की मांग पर अदालत ने असहमति जताई।
एनएचएआई ने जताया था रोष :
दरअसल एनएचएआई ने दायर याचिका में बताया था कि राज्य के अधिकारियों का सहयोग ना मिलने से उसकी परियोजनाओं में रुकावट आ रही है। साथ ही भूमि के कब्जे के बिना परियोजनाएं आगे बढ़ानी मुश्किल हैं। पिछली सुनवाई में पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने हलफनामा दाखिल किया था। जिसमें बताया था कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर 136.44 किलोमीटर ज़मीन का कब्जा एनएचएआई को दे दिया गया है। जबकि बाकी जमीन का कब्जा दिलवाने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं।
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