लुधियाना 8 नवंबर। लुधियाना में आए दिन नगर निगम के नए कारनामे देखने को मिलते हैं। अब तो लोगों में चर्चा भी होने लगी है कि अगर किसी इललीगल कार्य को लीगल कराना हो तो निगम अफसरों से संपर्क किया जा सकता है। ताजा मामला गुरदेव नगर का सामने आया है। जहां के रेजिडेंट्स की और से पार्क पर ही अवैध कब्जा करके कंस्ट्रक्शन शुरु कर दी गई है। लोगों का यह भी आरोप है कि नगर निगम के टाउन प्लानिंग स्कीम में गुरदेव नगर की यह जमीन पार्क है और नगर निगम ने ही उक्त बिल्डिंग मालिक को कंस्ट्रक्शन करने के लिए परमिशनें दे डाली है। हालांकि चर्चा यह भी है कि कई निगम अफसरों द्वारा मिलीभगत करके यह सारा खेल किया जा रहा है। जिसमें कई राजनेताओं के नाम भी बताए जा रहे हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में नगर निगम को शिकायतें भी की है। जबकि निगम द्वारा कार्रवाई करने की जगह उल्ट इन अवैध कब्जों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि 1600 गज की करोड़ों रुपए इस जमीन को निगम अफसरों द्वारा आपसी मिलीभगत ऐसे ही दे दिया जा रहा है। इलाके के लोगों का आरोप है कि पहले तो रात के समय कंस्ट्रक्शन चल रही थी। लेकिन कुछ हिस्सा बनने के बाद अब दिन में भी कंस्ट्रक्शन शुरु कर दी गई है।
पहले कई राजनेताओं ने की जमीन हड़पने की कोशिश
चर्चा है कि नगर निगम की टाउन प्लानिंग स्कीम-2 में इस 1600 गज की जमीन को पार्क घोषित किया गया था। जबकि 2011 से ही उक्त जमीन पहले अकाली दल व कांग्रेस सरकार के समय के दौरान कई नेताओं द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया। लेकिन कही न कही वे सफल नहीं हो सके। जिसके बाद अब चर्चा कि कुछ राजनेताओं द्वारा इस जमीन पर कब्जा कराने में सहायता की जा रही है।
प्लॉट मालिक का कहना एक्सचेंज ऑफर किया
इलाका निवासी विक्रम दत्त कपूर, सोशल एक्टिविस्ट रविंद्रपाल सिंह घई, मनोज ढांडा और डॉ. बांसल ने बताया कि उन्होंने प्लॉट के मालिक से संपर्क किया। मालिक का कहना है कि उन्होंने नगर निगम के पास एक्सचेंज किया है। उक्त पार्क की जगह लेकर उसके बदले में निगम को दूसरी जगह दी गई है। इलाके के लोगों का आरोप है कि आप सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावे किए गए थे। लेकिन आप सरकार में ही इस तरह सरकारी जमीनों पर ही कब्जे हो रहे हैं।
निगम हाउस में रोका था मुद्दा
पूर्व पार्षद अमृता वर्षा रामपाल ने बताया कि कुछ साल पहले जब वह गुरदेव नगर की पार्षद थी, तब निगम हाउस में उक्त पार्क का मुद्दा उठा था। जिसके चलते उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया और पार्क पर कब्जा होने से रोका था। इसके अलावा कई और पार्कों पर भी की जा रही कब्जे की कोशिश को रोका था।