हरियाना/यूटर्न/7 नवंबर: प्रमोशन के नाम पर आबरू मांगने के मामले में हरियाणा में महिला पुलिस कर्मियों से यौन शोषण मामले में आज महिला आयोग दूसरी बार सुनवाई करेगा। आयोग ने 30 अक्टूबर को इस केस की जांच अधिकारी एसपी आस्था मोदी को भी बुलाया था। लेकिन उन्होंने अपनी जगह पर डीएसपी को भेजकर जांच रिपोर्ट पेश की थी। रेणु भाटिया ने वीडियो कॉल के जरिए एसपी से बात की थी। इसके बाद रेणु भाटिया ने महिला पुलिसकर्मियों को आमने-सामने बात करने की बात कही थी। ऐसे में आज 7 महिला पुलिस कर्मी आरोपी एसएचओ और डीएसपी के सामने अपनी आपबीती सुनाएगी। मामले में चेयरपर्सन रेणु भाटिया आरोपी आईपीएस अधिकारी, महिला एसएचओ और डीएसपी के ट्रांसफर के लिए सीएम को पत्र लिख चुकी हैं, इसके बाद तीनों का ट्रांसफर कर दिया गया था।
आज महिला आयोग के सामने पेश होंगी महिलाकर्मी
बता दें कि मामले में सरकार ने 3 नवंबर को एडीजीपी ममता सिंह के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी। अगले दिन 4 अक्टूबर को एडीजीपी उस जिले में पहुंची, जहां आरोपी आईपीएस अफसर तैनात था। पुलिस लाइन में उन्होंने 30 महिला पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। बयान दर्ज करने के बाद ममता सिंह ने इसको लेकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। कमेटी की जांच डीजीपी को सौंपी जाएगी।
3 अधिकारी कर रहे मामले की जांच
हरियाणा में महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के आरोपों की 3 स्तरीय जांच चल रही है। महिला आयोग के अलावा 2 आईपीएस अधिकारी भी इस मामले की जांच कर रहे हैं। पहली जांच का नेतृत्व महिला एसपी आस्था मोदी कर रही थी, इसके बाद एडीजीपी ममता सिंह को भी जांच सौंपी गई। वहीं हिसार आईजी एसपी के नेतृत्व में एसआईटी बनाई है, जो इस केस में हर पहलु की जांच कर रहे हैं।
यह है पूरा मामला
पूरा मामला जींद जिले में तैनात महिला पुलिसकर्मियों से जुड़ा है। महिला पुलिसकर्मियों ने जिले में तैनात आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। महिला पुलिस कर्मियों ने सीएम नायब सिंह सैनी को चिट्टी लिखकर आपबीती बताई। इस पर 7 महिला पुलिसकर्मियों के हस्ताक्षर थे। जब चि_ी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हरकत में आई सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए।
आईपीएस सुमित कुमार कौन? जिन्होंने प्रमोशन के बदले मांगी आबरू,
हरियाणा पुलिस विभाग में आजकल हडक़ंप मचा हुआ है। 7 महिला पुलिस कर्मियों ने मुखयमंत्री नायब सैनी के नाम लेटर लिखकर एक आईपीएस अफसर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। यह आरोपी कोई और नहीं, जींद के एसपी सुमित कुमार हैं, जिन्हें मामला सामने आने के बाद ट्रांसफर कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ जांच भी बिठा दी है। हालांकि गत 3 नवंबर को केस की जांच आईपीएस आस्था मोदी, ्रआईपीएस ममता सिंह और हिसार एसपी को सौंपी गई है। अब यह मामला हरियाणा महिला आयोग तक भी पहुंच गया है। आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने पुलिस विभाग को निष्पक्ष जांच करने के निर्देश देकर रिपोर्ट तलब की। वे पीडि़त महिला पुलिस कर्मियों से भी मिलेंगी।
सुमित कुमार समेत 4 अफसरों पर लगाए गए आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएस सुमित कुमार जींद जिले में बतौर एसपी तैनात हैं और उनके अंडर कार्यरत 7 महिला पुलिस कर्मियों ने ही उन पर आरोप लगाए हैं। 18 अक्टूबर को लिखा गया आरोपों से भरा लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मामले को गंभीरता से लेकर सैनी सरकार ने जांच के आदेश दिए।आरोप लगाए गए हैं कि सुमित कुमार, एक महिला अधिकारी, एक डीएसपी और एक एसएचओ के साथ मिलकर रैकेट चलाते थे। महिलाओं के जरिए पुरुषों को हनीट्रैप में फंसाते हैं और पैसा वसूली करते हैं। पीडि़ताओं ने लेटर में लिखा है कि उन्होंने रैकेट के बारे में डिप्टी एसपी गीतिका को बताया था, लेकिन उन्होंने कहा कि साहब का सहयोग कीजिए, आपका ही भला होगा। वरना बहुत बुरा अंजाम भुगतना होगा।
पीडि़ताओं की कार्रवाई न होने पर सुसाइड की धमकी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीडि़ताओं ने चि_ी में लिखा है कि सुमित कुमार तक जब उनके रैकेट का भंडाफोड़ होने की बात पहुंची तो उन्होंने महिला पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया। प्रमोशन दिलाने का लालच देकर गलत फेवर मांगा। पदोन्नति और सैलरी बढ़ाने के लिए समझौता करने का ऑफर दिया। साथ महिला अधिकारी के जरिए दबाव बनाया। विरोध करने पर एनुअल वर्क रिपोर्ट खराब करने की धमकी दी। उन्होंने कई उच्च अधिकारियों से सुमित कुमार की शिकायत की, लेकिन उन्हें कार्रवाई की बजाय नसीहत मिली कि सुमित कुमार को सहयोग करो। पीडि़ताओं ने लेटर में लिखा है कि अगर सुमित कुमार के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो वे सुसाइड कर लेंगी और इसकी जिंमेदारी सुमित कुमार के साथ-साथ सरकार की भी होगी। लेटर पढ़ते ही सुमित के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए।
————–