ईडी की रेड में 1.14 करोड़ कैश और सोना जब्त, मेसर्स प्योर मिल्क प्रोडक्ट्स प्रा.लि. के एवज में बैंक लोन का मामला
लुधियाना 5 नवंबर। लिकर-किंग के तौर पर पहचान रखने वाले चरणजीत सिंह बजाज उर्फ चन्नी बैंक-धोखाधड़ी मामले में ईडी के रडार पर हैं। करीब छह साल पहले मेसर्स प्योर मिल्क प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाकर सीबीआई करोड़ों रुपए का बैंक लोन लेने के मामले में उन पर यह आरोप लगा था।
इस मामले में सीबीआई की ओर से विभिन्न धाराओं के तहत पहले से एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। अब ईडी की ओर से इस मामले में एक शिकायत के आधार पर बजाज के विभिन्न ठिकानों पर छापामारी की गई थी। जिसमें ईडी की ओर से करीब 1.14 करोड़ रुपए की नगदी व प्रॉपर्टी जब्त कर ली गई। इससे पहले ईडी की ओर से इस मामले में बजाज से जुड़ी 24.94 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है। ईडी की यह पूरी कार्रवाई जालंधर जोनल कार्यालय की ओर से की गई। जिसका ब्योरा प्रेस नोट के जरिए दिया गया था।
ईडी के जालधरं जोनल कार्यालय ने 62.13 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कंपनी मेसर्स प्योर मिल्क प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी चरणजीत सिंह बजाज और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए), मोहाली के समक्ष अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की। न्यायालय ने इसी 30 अक्टूबर को पीसी का संज्ञान लिया था। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो, ईओयू-IV, नई दिल्ली द्वारा आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की। तब ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स पीएमपीपीएल ने ऋण का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया, जिसके लिए ऋण दिया गया था।
मेसर्स पीएमपीपीएल के एमडी चरणजीत सिंह बजाज ने विभिन्न शेल संस्थाओं के माध्यम से अपराध की आय यानि पीओसी को डायवर्ट किया। इसके अलावा 37.82 करोड़ रुपये की पीओसी को धोखाधड़ी के तरीकों का उपयोग कर विभिन्न संबंधित संस्थाओं में डायवर्ट किया गया। बताते हैं कि इस मामले में फिलहाल आगे की जांच जारी है।
यह था पूरा मामला : नवंबर, 2019 में सीबीआई ने बजाज को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ 73.41 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और डेयरी उत्पाद इकाई के लिए लोन की हेराफेरी के लिए बुक किया था। आरोपियों में प्योर मिल्क प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, बजाज, उनकी पत्नी और अज्ञात सोशल वर्कर और निजी व्यक्ति इस मामले में शामिल हैं। सभी लोगों पर धोखाधड़ी, मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, जाली दस्तावेजों को वास्तविक के रूप में उपयोग करना व कई अन्य मामले में नामजद किया गया था। दरअसल बजाज पर एसबीआई के उप महा-प्रबंधक जगदीश लाल की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बजाज और उनकी पत्नी पर फर्जी कंपनियों को भुगतान करके और उच्च ऋण सुविधाओं का लाभ लेने के लिए खातों की कागजी हेराफेरी करके उनकी कंपनी प्योर मिल्क प्रोडक्ट्स द्वारा लिए गए ऋण का गबन करने का आरोप लगाया था।
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