चंडीगढ/यूटर्न/5 नवंबर: पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट ने सोनीपत स्थित ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस यूनिवर्सिटी के ही एक स्नातकोत्तर विधि छात्र की याचिका पर दी गई है। छात्र को यूनिवर्सिटी में एक विशेष विषय पर प्रश्नों के लिए सबमिशन तैयार करने को दिया गया था। छात्र ने यह सबमिशन तैयार करने के लिए एआई का उपयोग किया। छात्र का आरोप है कि एआई की सहायता लेने के आरोप में उसे परीक्षा में असफल घोषित कर दिया गया। छात्र को फेल कर दिया गया, जिसे लेकर उसने विश्वविद्यालय के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता कौस्तुभ शक्करवार की याचिका पर न्यायमूर्ति जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने सुनवाई की।
एग्जाम कंट्रोलर पर आरोप
छात्र ने अपनी दलील में कहा कि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और अनुचित साधन समिति ने उसे सुनवाई का अवसर नहीं दिया। उसने यह भी कहा कि मामले के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत न करके प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।
मुंबई का रहने वाला है छात्र
मुंबई के हैदराबाद एस्टेट निवासी शक्करवार बौद्धिक संपदा अधिकार और प्रौद्योगिकी कानून में एलएलएम की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। याचिका के अनुसार, विश्वविद्यालय को वैश्वीकरण की दुनिया में कानून और न्याय विषय पर सबमिशन दिया गया था। छात्र ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने एआई-जनरेटेड सामग्री के उपयोग की पुष्टि करने वाले पर्याप्त सबूत अभी तक प्रस्तुत नहीं किए हैं।
छात्र ने पूछा यह भी सवाल
एक प्रैक्टिसनर आईपी वकील और एआई उद्यमी शक्करवार ने यह भी सवाल उठाया कि क्या परीक्षा में एआई के उपयोग को प्रतिबंधित करने वाला कोई स्पष्ट नियम है? जब उन्हें बताया गया कि उन्होंने परीक्षा पास नहीं की है, तो शक्करवार ने परीक्षा अपीलीय समिति के समक्ष निर्णय की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा नियंत्रक ने चार महीने की देरी के बाद बिना सुनवाई के अपील खारिज कर दी। न्यायमूर्ति पुरी मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को करेंगे।
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एआई की मदद से बनाया असाइनमेंट तो छात्र को किया फेल, ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का नोटिस
Kulwant Singh
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