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निगम के DCFA की जमानत याचिका खारिज, 16 दिन बाद भी रिटायर्ड एसई विजिलेंस को नहीं मिल सका

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नगर निगम में 3.16 करोड़ का घोटाला करने का मामला

लुधियाना 1 नवंबर। लुधियाना नगर निगम करप्शन का केंद्र बिंदू बना चुका है। विजिलेंस की और से कुछ दिन पहले निगम के एक्सियन रणबीर सिंह को 3.16 करोड़ रुपए का घोटाला करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में डीसीएफए (डिप्टी कंट्रोलर फाइनेंस एंड अकाउंट्स) द्वारा जिला अदालत में अपना जमानत याचिका लगाई गई थी। जिसे अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि आरोपी द्वारा अपना बचाव करने का पूरा जोर लगा दिया जा रहा है। मगर विजिलेंस को वह नहीं मिल पा रहा। वहीं पिछले तीसरा आरोपी रिटयार्ड एसई राजिंदर सिंह भी विजिलेंस को नहीं मिल पा रहा। 16 दिन बीतने के बाद भी आरोपी का विजिलेंस को पता नहीं चल पाया है। वहीं चर्चा है कि अधिकारियों द्वारा खुद ही आरोपियों को शह दी जा रही है, ताकि वह फरार रहें और बिना गिरफ्तारी किए उनकी बाहर से ही जमानत हो जाए। अब देखना होगा कि विजिलेंस द्वारा बाकी मामलों की तरह इस मामले में भी दोनों आरोपियों पर नकेल डाल सकेगी या राजनीतिक दबाव में आकर आरोपियों को छोड़ दिया जाएगा।

राजिंद्र को बेटी की शादी में ही नहीं किया गिरफ्तार
वहीं चर्चा है कि मामला दर्ज होने के बाद आरोपी राजिंद्र की बेटी की शादी थी। राजिंद्र सिंह पूरा समय शादी में मौजूद रहा। लेकिन विजिलेंस द्वारा उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। चर्चा है कि विजिलेंस को इसकी जानकारी भी थी, लेकिन फिर भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। हालाकि वैसे अन्य मामलों में विजिलेंस व पुलिस द्वारा व्यक्ति को किसी भी समारोह व घर तक में रेड करके गिरफ्तार कर लिया जाता है। लेकिन राजिंद्र सिंह बाहुबली होने और नेताओं के साथ अच्छी पहचान होने के चलते उस पर एक्शन नहीं लिया गया।

कई मंत्री व विधायक भी हुए शादी समारोह में शामिल
वहीं चर्चा है कि रिटायर्ड एसई राजिंद्र सिंह बाहुबली लोगों में जाना जाता है। जिसकी मौजूदा सरकार में अच्छी पहुंच होने की चर्चा है। हालांकि उसकी बेटी की शादी में पंजाब सरकार के कई मंत्री भी शामिल हुए थे। इसी के साथ लुधियाना व पंजाब के कई विधायक और निगम के उच्च अधिकारी शामिल हुए थे। लेकिन किसी भी नेता द्वारा खुद को अच्छा नागरिक मानते हुए विजिलेंस को फोन कर राजिंद्र सिंह को गिरफ्तार कराने की जरुरत नहीं समझी। यदि वह खुद को जनता का सेवक मानते हैं और भ्रष्टाचार के विरुध हैं तो उन्हें ऐसे अपराधी की पुलिस को सूचना देकर अरेस्ट करानी चाहिए थी।

प्यादे को कर दिया गया आगे
वहीं चर्चा है कि इस घोटाले में मुख्य मास्टरमाइंड डीसीएफए पंकज गर्ग और रिटायर्ड एसई राजिंद्र सिंह हैं। लेकिन उन्हें सिफारिशों के चलते इस घोटाले में पकड़ा नहीं गया। मगर दूसरी तरफ सिर्फ दिखावे के लिए प्यादे कहे जा रहे एक्सियन रणबीर सिंह को आगे करके गिरफ्तारी डाल दी गई है। चर्चा है कि पंकज और राजिंद्र इसके अलावा कई बड़े स्कैम में शामिल हैं।

विजिलेंस की स्पेशल ट्रेनिंग, फिर भी आरोपी गिरफ्त से बाहर
जानकारी के अनुसार विजिलेंस को क्राइम संबंधी स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। विजिलेंस को स्पेशल दर्जा मिला हुआ है। विजिलेंस को आम पुलिस मुलाजिों से अलग माना जाता है, क्योंकि उनके सूत्र व इन्वेस्टिगेशन के तरीके काफी अच्छे लेवल के हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतनी इंटेलिजेंट जांच एजेंसी होने के बावजूद आरोपी उनकी गिरफ्त से बाहर हैं।

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