हाईकोर्ट ने कहा-यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, मंत्रालय से किया है जवाब-तलब, मोहाली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन की याचिका
चंडीगढ़ 30 अक्टूबर। हरियाणा और पंजाब, दो राज्यों की राजधानी होने के बावजूद चंडीगढ़ से लगता शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट क्या सिर्फ नाम के लिए ही ‘इंटरनेशल’ है। यहां से रोजाना महज दो ही अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा मुहैया है। इसे पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जवाब-तलब किया है। अदालत ने पूछा है कि कैट-टू लैंडिंग सिस्टम होने के बावजूद इंटरनेशनल फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। यहां बताते चलें कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की कम संख्या को लेकर मोहाली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने साल 2015 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ से एयरपोर्ट के लिए छोटे रूट पर एयरफोर्स से भी जवाब मांगा। एयरफोर्स ने कुछ शर्त के साथ .98293 हेक्टेयर भूमि मार्ग के लिए सरेंडर करने पर हामी भर दी। इसके बावजूद अदालत ने पाया कि शॉर्ट रूट पर लंबे समय से बहस चल रही है। जबकि मुख्य मुद्दा तो एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने का था, उस पर लंबे समय से कोई बात ही नहीं हुई। हाईकोर्ट ने पाया कि एयरपोर्ट से केवल दो अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने हैं, जो सिर्फ शारजहा और दुबई के लिए ही हैं। इसे लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि कैट-टू लैंडिंग सिस्टम को लगे हुए 18 महीने हो चुके हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने का कोई प्रयास ही नहीं किया गया।
अदालत ने अमृतसर की मिसाल दी :
हाईकोर्ट ने मंत्रालय को एक तरह से आइना दिखाते अमृतसर की मिसाल दी। इस जिला मुख्यालय में मौजूद एयरपोर्ट से रोज 14 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं। जबकि दो राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ से जुड़े एयरपोर्ट में सभी सुविधाएं होने के बाद भी केवल दो इंटरनेशनल उड़ान होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हाईकोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का आदेश दिया है कि उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
सांसद अरोड़ा ने जोरदारी से उठाया था मुद्दा
यहां गौरतलब है कि लुधियाना के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने भी चंडीगढ़ एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट बढ़ाने का मुद्दा जोरदारी से उठाया था। उन्होंने इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को बाकायदा चिट्ढी लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। अब माननीय हाईकोर्ट द्वारा इसी मुद्दे पर कारोबारी एसोसिएशन की याचिका पर मंत्रालय को तलब किया गया है। यहां गौरतलब है कि सांसद अरोड़ा खुद भी नामी उद्योगपति हैं और उद्यमियों का प्रतिनिधित्व करते हुए ही उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था।
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