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2 DSP, तीन SI और एक ASI पर एक्शन, पूर्व सीआईए इंचार्ज पर नहीं लिया कोई एक्शन

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गैंगस्टर लॉरेंस का कस्टडी से इंटरव्यू कराने वाले 7 अफसर सस्पेंड

पंजाब 26 अक्टूबर। गैंगस्टर लॉरेंस के सीआईए खरड़ में हुए इंटरव्यू के मामले में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पंजाब सरकार द्वारा एक्शन लिया गया है। जिसमें सरकार ने आरोपी पंजाब पुलिस के अफसरों और मुलाजिम को सस्पेंड कर दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कोताही व लापरवाही का आरोपी माना। इसके बाद सभी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए हैं। ये आदेश राज्य के गृह विभाग के प्रमुख सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह ने शुक्रवार देर शाम जारी किए हैं। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें डीएसपी से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें डीएसपी गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), डीएसपी समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (सीआईए खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (एजीटीएफ में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (एजीटीएफ), एएसआई मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 व 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में सीआईए खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है।

उस समय के सीआईए इंचार्ज पर किया रहम
वहीं बता दें कि जिस समय लॉरेंस की इंटरव्यू हुई थी, तब सीआईए खरड़ के इंचार्ज इंस्पेक्टर विजय कुमार थे। वह 7 जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2024 तक इस पद पर रहे। जबकि इंटरव्यू 3 व 4 सितंबर 2022 को हुई। जिसके बावजूद उन पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं हुआ। जबकि पंजाब सरकार द्वारा विजय कुमार को एक्सटेंशन दी गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि उन्हें एक्सटेंशन क्यों दी गई है। वहीं इस मामले में इंस्पेक्टर शिव कुमार को कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ था।

डेढ़ साल पहले दिया था इंटरव्यू
बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का एक राष्ट्रीय चैनल को दिया गया एक इंटरव्यू वायरल हुआ था। इस घटना के बाद पंजाब पुलिस को आलोचना का सामना करना पड़ा था। पंजाब पुलिस की ओर से कहा गया था कि लॉरेंस का इंटरव्यू पंजाब की जेल से नहीं, बल्कि उसकी पुरानी जेल से हैं। इसके बाद उस इंटरव्यू की जांच के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 10 माह पहले एसआईटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को डीजीपी प्रबोध कुमार ने हाईकोर्ट को सौंप दी थी।

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