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पार्कों में चलेगें पटवारखाने ! सेक्टर-32 पटवारी ऑफिस बाहर छुट्‌टी का पोस्टर, पटवारी-कारिंदें पार्कों में बैठ चढ़ा रहे इंतकाल व फर्द

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लोग में चर्चा पटवारियों को किसका डर, जो पार्कों से चल रहा ऑफिस

(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 25 अक्टूबर। लुधियाना के सरकारी विभागों में आए दिन नए कारनामे देखने को मिलते हैं। हालात यह हैं कि सरकारी मुलाजिम ही अपने ऑफिस से इतना डरने लगे हैं कि वह ऑफिस में बैठकर काम करने की जगह आसपास के स्थानों पर बैठकर काम कर रहे हैं। यह हालात शुक्रवार को चंडीगढ़ रोड स्थित सेक्टर-32 में पड़ते हलका ढोलेवाल और हलका जमालपुर के पटवारखाने में देखने को मिले। जहां पर पटवारियों द्वारा छुट्‌टी होने की बात कहकर अपना ऑफिस बंद कर दिया और खुद पटवारखाने के सामने मौजूद पार्क में पेड़ के पीछे बैठकर इंतकाल चढ़ाते व फर्द काटते दिखे। चर्चा है कि इसी की आढ़ में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि पटवारखाने के बाहर तो पटवारियों ने छुट्‌टी होने के पोस्टर लगाकर ताले लगा दिए। फिर वह पार्क में सरकारी रिकॉर्ड ले जाकर कैसे काम कर सकते हैं। इस संबंध में डीसी ऑफिस में भी तुरंत शिकायत की गई। लेकिन फिर भी कोई एक्शन नहीं हुआ। हालाकि इस संबंधी कई बार लोगों ने पटवारी गुरप्रीत सिंह को फोन भी किए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। लुधियाना शहर के लोगों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं को भारी गिनती से वोट देकर जिताया गया। लेकिन आप सरकार में ही लगातार भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। यह भी बात सामने आई है कि अगर एक पटवारी छुट्‌टी पर है, तो फर्द पर दूसरे हलके का पटवारी भी अवैध तरीके से हस्ताक्षर करके दे रहा है।

एक पटवारी कोर्ट गया तो दूसरे ने भी चिपकाया पोस्टर
जानकारी के अनुसार हलका ढोलेवाल के पटवारी गुरप्रीत सिंह की और से अपने पटवारखाने के बाहर पटवारी की कोर्ट में तारीख होने के चलते छुट्‌टी होने का पोस्टर लगा दिया। हालाकि हलका ढोलेवाल के पटवारी पार्क में बैठकर या सड़कों पर खड़े होकर लोगों की फर्द निकालते रहे। लेकिन उक्त पटवारी को छुट्‌टी पर देखकर हलका जमालपुर के पटवारी नरिंद्र सिंह ने भी अपने पटवारखाने के बाहर छुट्‌टी का पोस्टर चिपका दिया। जबकि खुद पार्क में बैठकर फर्द काट रहा था।

एक हफ्ते से लगा रहे पोस्टर, पटवारियों को किसका डर
पटवारखाने में आए बसंत सिंह ने बताया कि वह दो हफ्ते से फर्द निकलवाने के लिए आ रहे हैं। बसंत सिंह ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से दोनों हलको के पटवारखाने के बाहर पटवारी कोर्ट होने के चलते छुट्‌टी का पोस्टर लगा दिया जाता है। जबकि पटवारी और उनके कारिंदे सड़कों पर घूमकर या पार्क में बैठकर लोगों के इंतकाल चढ़ाते है और फर्द निकालते हैं। लोगों में चर्चा है कि आखिर पटवारियों को किसका डर है कि वह अपने ऑफिस में ही बैठने से डरने लगे हैं। वहीं चर्चा यह भी है कि दीवाली के चलते जांच एजेंसियां एक्शन में है, जिसके चलते पटवारी अपने बचाव में जुटे हैं।

लोगों ने वीडियो बनाई तो छीने मोबाइल
शुक्रवार को अपने काम कराने के लिए लोग पटवारखाने पहुंचने लगे। लेकिन दोनों पटवारखाने बंद थे। इस दौरान लोगों को पता चला कि पटवारी नरिंद्र सिंह व दोनों पटवारखानों के कारिंदे गेजा व सोनू पार्क में बैठकर लोगों की फर्द निकाल रहे हैं। जिसके चलते लोग पार्क में पहुंचे तो उनका काम नहीं किया गया। लोगों ने मौके की वीडियो बना ली। मुलाजिमों ने फंसने के डर से लोगों के मोबाइल छीन लिए और वीडियो डिलीट करने लगे। हालाकि लोगों का आरोप है कि आसपास के सीसीटीवी कैमरे चैक किए जाएं तो पटवारियों का सारा भेद खुलकर सामने आ जाएगा।

पार्कों में बैठकर कैसे चलते हैं पटवारखाने ?
वहीं लोगों में चर्चा है कि आखिर पार्कों में बैठकर पटवारखाने कैसे चलाए जा रहे हैं। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने का कहना था कि इंतकाल चढ़ाने या फर्द लेने अगर कोई व्यक्ति आता है तो उसे पार्क के पास इंतजार करने को कहा जाता है। फिर पटवारी का कारिंदा संबंधित हलके के पटवारखाने का ताला खोलकर अंदर जाता है। जहां पर इंतकाल चढ़ाकर या फर्द तैयार करके लाई जाती है। फिर उक्त व्यक्ति को आपसी सेटिंग करके दे दी जाती है। हालाकि जिन लोगों की सेटिंग नहीं होती, उन्हें वापिस भेज दिया जाता है। चर्चा है कि पटवारखानों में रात को 5 बजे के बाद काम चलता है।

डीसी ऑफिस कर रहा मामले की जांच
इस संबंध में डीसी जितेंद्र जोरवाल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। वहीं डीसी ऑफिस के अधिकारी के अनुसार वह मामले की इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं, यह मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया है।

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