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द बर्निंग स्टबल : हरियाणा में हवा की ‘सेहत’ नाजुक

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नौ जिलों में एक्यूआई लेवल 100 से 200 से बीच, कैथल बना हॉट स्पॉट, किसानों पर 34 नए केस

चंडीगढ़ 24 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बीच प्रदूषण रोकने के तमाम सरकारी दावों के बावजूद हरियाणा में हवा की ‘सेहत’ नाजुक होती जा रही है। सूबे के नौ जिलों में एक्यूआई लेवल 100 से 200 से बीच यलो जोन में चला गया है।

जानकारी के मुताबिक सूबे में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ 19 अक्तूबर से रेड एंट्री करने की कार्रवाई शुरू होने के बाद असर जरुर दिखा। पराली जलाने के मामलों में तेजी से कमी दर्ज की गई। हालांकि इन पांच दिन में प्रदेश में पराली जलाने के कुल 54 नए मामले आए। इस सीजन में हॉट स्पॉट बन चुके कैथल, कुरुक्षेत्र और करनाल में पराली जलाने के मामलों में कमी आ रही है। पांच दिन में 54 मामले आए
यहां गौरतलब है कि 19 अक्तूबर को पराली जलाने के 15 मामले दर्ज हुए थे। इसी क्रम में 20 अक्तूबर 11, 21 अक्तूबर को महज 2 ही, 22 अक्तूबर 11 तो 23 अक्तूबर 15 मामले दर्ज हुए।
यहां काबिलेजिक्र है कि बुधवार को पराली जलाने पर 11 किसानों की मेरी फसल मेरा बीमा पोर्टल के जरिए रेड एंट्री की गई। इसके अलावा 34 नई एफआईआर भी दर्ज की गईं। अभी तक राज्य में कुल 385 किसानों की रेड एंट्री और 127 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। 332 चालान कर किसानों से 8 लाख 40 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। अब तक राज्य में पराली जलाने के कुल 680 मामले सामने आ चुके हैं।

देश के 36 प्रदूषित शहरों में सूबे के 10 जिले :
चिंताजनक पहलू यह है कि देश के 36 प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 10 जिले शामिल हैं। इनमें भिवानी और करनाल का एक्यूआई लेवल रेड जोन में पहुंच गया है। हालांकि, मंगलवार के मुकाबले अगले दिन जींद और सोनीपत में प्रदूषण कम हुआ। एक दिन पहले दोनों जिलों में प्रदूषण का स्तर रेड जोन में था। अब सोनीपत का एक्यूआई लेवल 272 और जींद का एक्यूआई लेवल 193 हो गया है। नौ जिलों में एक्यूआई लेवल 100 से 200 से बीच यलो जोन में है।

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