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बायसाइकिल पर 5 प्रतिशत जीएसटी करने पर कारोबारियों में रोष, बोले – सरकार का यह फैसला स्मॉल इंडस्ट्री को करेगा बर्बाद

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लुधियाना 22 अक्टूबर। केंद्र सरकार की और से पूरी बायसाइकिल पर लगे 12 प्रतिशत जीएसटी टैक्स को घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है। लेकिन इससे पूरी बायसाइकिल इंडस्ट्री में रोष है। व्यापारियों का रोष है कि केंद्र सरकार को पूरी बायसाइकिल के साथ साथ पॉट्स पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी करना चाहिए। जिस कारण इस मामले को लेकर साइकिल व्यापारियों की अलग अलग प्रतिक्रिया भी आ रही है। व्यापारियों का कहना है कि पहले ही बायसाइकिल इंडस्ट्री घाटे पर चल रही है, ऐसे में सरकार द्वारा इंडस्ट्री को टैक्स कम कर राहत देने की जगह उल्ट बड़ी इंडस्ट्री को राहत देकर धक्केशाही की जा रही है। इस पर लुधियाना की बायसाइकिल इंडस्ट्री के कारोबारियों द्वारा भी प्रतिक्रिया दी गई है।

इंडस्ट्री का बंटवारा कर रही केंद्र सरकार
कारोबारी अवतार सिंह भोगल का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा 5 प्रतिशत जीएसटी टैक्स करके लार्ज बायसाइकिल इंडस्ट्री को तो राहत दे दी, लेकिन पॉट्स बनाने वाली छोटी इंडस्ट्रियों को राहत न देकर बंटवारा किया जा रहा है। रॉ मटेरियल पर पहले ही 18 प्रतिशत जीएसटी है। ऐसे में पांच प्रतिशत पर साइकिल बेचकर बाकी के 12 प्रतिशत का जीएसटी रिफंड लेने के लिए इंडस्ट्री को परेशानी झेलनी पड़ेगी। जबकि स्मॉल इंडस्ट्री के पास आमदन ही उतनी है, उसी से कारोबार चलाना होता है। ऐसे में स्मॉल इंडस्ट्री पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।

90 प्रतिशत इंडस्ट्री बनाती है साइकिल पॉट्स
कारोबारी चरणजीत सिंह विश्वकर्मा ने बताया कि 90 प्रतिशत इंडस्ट्री साइकिल पॉट्स बनाती है, सिर्फ 10 प्रतिशत इंडस्ट्री ही पूरी साइकिल तैयार कर रही है। ऐसे में सरकार द्वारा 90 प्रतिशत को छोड़कर सिर्फ कम गिनती वाली इंडस्ट्री पर फोक्स किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार का यह फैसला जीएसटी काउंसिल में फाइनल हो जाता है, तो इससे भी केंद्र सरकार को दिक्कत आएगी। क्योंकि स्मॉल इंडस्ट्री अपना पक्ष रखने के लिए बार बार केंद्र के पास ही पहुंचेगी। जिससे कारोबारी के साथ साथ केंद्र भी परेशान होगी।

पहले ही बिजनेस मार्जन रह चुका 2 प्रतिशत
वहीं कारोबारी जसविंदर सिंह ठुकराल ने कहा कि पहले ही बायसाइकिल इंडस्ट्री में बिजनेस मार्जन दो प्रतिशत रह चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार को पॉट्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी करके इंडस्ट्री को राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले ही व्यापारी जीएसटी रिफंड के लिए परेशान होते हैं। ऐसे में अगर यह नियम लागू हो गया तो इंडस्ट्री बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगी। सरकार को चाहिए कि स्मॉल इंडस्ट्री के कारोबारियों के साथ बैठक कर ही कोई नियम पास किया जाए।

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