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हाई-वोल्टेज इश्यू : हरियाणा में सीएम सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर की नियुक्ति पर रोक

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उनकी नियुक्ति के आदेश जारी हुए थे शुक्रवार रात, सरकार ने कैबिनेट रैंक का दर्जा भी दिया, अब चर्चाएं शुरु

चंडीगढ़ 19 अक्टूबर। हरियाणा में नई सरकार बनते ही एक ‘हाई-वोल्टेज’ मामला सामने आ गया। मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। उनकी नियुक्ति के आदेश शुक्रवार रात को ही जारी हुए थे।

जानकारी के मुताबिक सरकार ने खुल्लर को कैबिनेट रैंक का दर्जा भी दे दिया था। मगर इस आदेश के कुछ देर बाद हरियाणा सरकार ने उनकी नियुक्ति को अगले आदेश तक रोक दिया। यहां गौरतलब है कि 1988-बैच के आईएएस अधिकारी खुल्लर 35 वर्षों की सिविल सेवाओं के बाद 31 अगस्त, 2023 को रिटायर हो गए थे। उनकी सेवानिवृत्ति के एक दिन बाद उन्हें हरियाणा के तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्‌टर के मुख्य प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। खुल्लर ने 2020 में विश्व बैंक में जाने से पहले लगभग पांच साल तक सीएम खट्‌टर के प्रधान सचिव के रूप में काम किया था। खुल्लर की गिनती उनके करीबियों में होती है। खट्‌टर के बाद वह उनको नायब सैनी का मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के ऑफिस की तरफ से इसका ऑर्डर शुक्रवार शाम को जारी किया गया था।

सरकार का ‘यूटर्न’ बना पहेली :

अब भाजपा की नई सरकार बनते ही एक बार फिर राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री ऑफिस में एंट्री हो गई थी। यहां काबिलेजिक्र है कि हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। सीएम ऑफिस ​​​​​​में रहते हुए ​खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई थी। फिर बीजेपी सरकार ने उनकी नियुक्ति कर यूटर्न क्यों लिया, इसे लेकर सियासी हल्कों में चर्चाएं शुरु हो गई हैं।

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