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सीएम हाउस का घिराव करने जा रहे हैं किसानों को चंडीगढ़ पुलिस ने रोका 

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चंडीगढ़ बॉर्डर पर लगा लंबा जाम

 

राम धीमान

जीरकपुर 18 Oct :  मंडियों में धान की खरीद प्रक्रिया स्लो होने, लिफ्टिंग न होने और धान की खरीद का उचित मूल्य न मिलने से नाराज किसानों द्वारा शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित सीएम हाउस का घेराव करने का फैसला किया गया था। संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वाहन पर भारतीय किसान यूनियन पुआध द्वारा जीरकपुर से चंडीगढ़ की तरफ कूच किया गया लेकिन चंडीगढ़-जीरकपुर बॉर्डर के नजदीक चंडीगढ़ पुलिस ने किसानों को रोक लिया और आगे जाने नहीं दिया। जिसके बाद किसानों ने चंडीगढ़-जीरकपुर बॉर्डर के नजदीक ही पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और हाइवे जाम करने की कोशिश की लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने किसानो को सर्विस रोड की तरफ कर जाम खुलवा दिया। जिसके बाद किसान वहीं बैठ गए। किसानों का कहना था कि जब तक पुलिस द्वारा पकड़े गए किसानों को छोड़ा नहीं जाता और चंडीगढ़ बॉर्डर पर बैठे किसानों को आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाती तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

 

 

खरीद न के बराबर हो रही है

 

प्रदर्शन कर रहे जीरकपुर के आसपास के किसानों का कहना था कि जीरकपुर की नगला मंडी और डेराबस्सी की मंडियों में खरीद न के बराबर है। खरीद न होने से किसान अपनी फसल लेकर कई कई दिनों से मंडियों में बैठे है और परेशान हो रहे है। हाइब्रिड धान का एक भी दाना नहीं खरीदा गया है और जो धान खरीद भी ली गई है उसकी लिफ्टिंग नहीं हो रही है। सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। हमे शौक नहीं है सड़कों पर बैठकर धरने देने का, हमारी समस्या का हल कर दिया जाए हमे धरने देने की जरूरत नहीं है। किसानों का कहना है कि चंडीगढ़ किसानों की राजधानी है, यहां उन्हें कोई प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकता है। जब तक यहां बैठकर रखना है तब तक संघर्ष जारी रहेगा। शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने से कोई नहीं रोक सकता।

 

बॉक्स

 

किसानों का कहना है कि वे कई दिनों से मंडी में फसल लेकर बैठे है,लेकिन खरीद प्रकिया स्लो होने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। मंडी के नाम पर उनकी फसल खुले आसमान के नीचे सड़क पर पड़ी है और उन्हें पूरी पूरी रात जागकर अपनी फसल की रखवाली करनी पड़ रही है। मंडी में रोज किसान फसल लेकर पहुंच रहे है लेकिन लिफ्टिंग नहीं हो रही जिस कारण यहां फसल के ढेर लग रहे है। कई किसान ऐसे है जो मंडियों में फसल लेकर कई कई दिनों से बैठे है लेकिन अभी तक उनकी फसल की भराई नहीं हो पाई।

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