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लुधियाना में कारोबारियों ने किया करोड़ों का जीएसटी घोटाला, 25 नामी बिजनेसमैनों पर FIR दर्ज

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जीएसटी चोरी मामलों में लुधियाना आ रहा अव्वल स्थान पर

लुधियाना 18 अक्टूबर। लुधियाना में जीएसटी घोटाले के बाद एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। पहले तो ठगों द्वारा जाली फर्में बनाकर जीएसटी चोरी करने के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन अब नामी कारोबारी भी जीएसटी चोरी करके सरकार से ठगी मारने पर उतर आए हैं। लुधियाना में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें एक-दो नहीं बल्कि 25 कारोबारियों द्वारा जीएसटी चोरी कर लिया गया। जबकि यह चोरी किए गए जीएसटी की कीमत लाखों में नहीं बल्कि कई करोड़ में हैं। इस ठगी में लुधियाना के कई नामी बिजनेसमैन शामिल है। हालाकि इस मामले का खुलासा होने के बाद जीएसटी विभाग ने पुलिस को शिकायत दी। जिसके बाद थाना डिवीजन नंबर पांच की पुलिस ने चंद्र भूषण जैन, जय कुमार सिंह, सतीश कुमार, मनीश बांसल, मलकीत सिंह, सागर गुप्ता, गुरचरन दास, प्रीत सिंह, जगमोहन सिंह, मुकेश कुमार, गिरधारी लाल, अरविंद्रपाल सिंह, बलजीत सिंह, अशोक पूरी, वितेश वशिष्ट, रणधीर सिंह, सुरिंदर शर्मा, प्रितपाल सिंह, रोहित कपूर, जगरुप सिंह, जसवंत रॉय, विकास कुमार, दविंदर अरोड़ा, कुलविंदर सिंह और अनूज अरोड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अभी सभी आरोपी फरार है। पुलिस आरोपियों की तलाश में रेड कर रही है।

गलत रिटर्न भरकर चुराते थे जीएसटी
जांच अफसर सब इंस्पेक्टर बलवंत सिंह ने बताया कि आरोपियों द्वारा अपनी अलग अलग फर्मों की हर महीने जीएसटी रिटर्न भरी जाती है। आरोपियों द्वारा रिटर्न भरने के दौरान जीएसटी बचाने के लिए गलत वैल्यू भर दी जाती थी। जिसके बाद जीएसटी टैक्स बचाकर ठगी की जा रही थी। इस तरह करके आरोपियों द्वारा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है।

किसी ने तीन लाख तो किसी ने तीन करोड़ टैक्स चुराया
जांच अफसर ने बताया कि सभी आरोपियों की अलग अलग फर्में हैं। जिनमें स्टील, लोहे, स्क्रैप समेत कई प्रमुख बिजनेस की फर्में शामिल है। आरोपियों द्वारा बड़ी चालाकी के साथ गलत रिटर्न भरी जाती थी। आरोपी पिछले काफी समय से यह ठगी कर रहे थे। उन्हें लगा कि शायद विभाग को इसका पता नहीं लग सकेगा। लेकिन विभाग द्वारा लगातार इन पर नजर रखी जा रही ती। इसी तरह गलत जानकारी दे आरोपियों में किसी ने तीन लाख तो किसी ने तीन करोड़ रुपए तक की ठगी कर डाली। इस तरह यदि सभी आरोपियों द्वारा ठगी की रकम को मिलाकर देखा जाए तो वह कई करोड़ के निकलेगी।

ठगों से परेशान अब कारोबारियों के “रडार” पर फर्जी जीएसटी विभाग भी

कारोबारियों का फॉर्मूला रिस्पेक्ट के साथ सस्पेक्ट भी रखें
लुधियाना 18 अक्टूबर। वहीं दूसरी तरफ लुधियाना में कारोबारियों द्वारा अब जीएसटी विभाग के फर्जी अधिकारी बनकर रेड करने वाले ठगों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। जिसमें कारोबारियों द्वारा एकदम और बिना किसी वजह से जगह जगह व्यापारों पर रेड करने के आरोप लगाए गए। इस संबंध में पंजाब व्यापार मंडल की और से एक मीटिंग की गई। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस दौरान व्यापारियों की और से रिस्पेक्ट के साथ सस्पेक्ट फॉर्मूला अपनाने का ऐलान किया गया है। यानि कि अगर जीएसटी विभाग का कोई अधिकारी किसी फर्म पर रेड करने आएगा तो उसे खुशी से पेश आने और पूरा सहयोग किया जाएगा। जबकि बाद में फर्म के मालिक द्वारा अपने लेटर पैड पर जीएसटी अधिकारी से लिखवाया जाएगा कि उन्होंने रेड क्यों की और कब व कहा पर की गई है। जिसके बाद वह उक्त लेटर पर अपने व्यापार मंडल के ग्रुप में शेयर करेगें। व्यापारियों ने कहा कि इससे जीएसटी विभाग की गलत रेड पर भी लगाम लगेगी और फर्जी अधिकारी बनकर रेड करने वाले ठगों को भी सबक मिलेगा।

ज्वाइंट कमिश्नर की परमिशन की होती है जरुरत
इस संबंधी एक व्यापारी की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। जिसमें व्यापारी ने कहा कि व्यापार मंडल की मीटिंग में विनयवर गुप्ता जीएसटी एक्सपर्ट ने बताया कि जीएसटी विभाग की रेड के लिए ज्वाइंट कमिश्नर जीएसटी विभाग की परमिशन की जरुरत है। यह चैकिंग जीएसटी में कानून 67 व 71 के तहत ही सर्च की जाती है।

अधिकारी के आईडी कार्ड की फोटो व सेल्फी ली जाएगी
व्यापारियों ने फैसला किया कि अगर किसी फर्म पर रेड होती है तो फर्म मालिक द्वारा जीएसटी अधिकारी का स्वागत किया जाएगा। जिसके बाद उससे पूरा सहयोग करना है। जिसके बाद व्यापारी द्वारा उक्त अधिकारी का आईडी कार्ड देखने को लिया जाएगा। जिसकी बकायदा फोटो खींची जाएगी और साथ ही रेड के दौरान की सेल्फी भी ली जाएगी। फिर मालिक द्वारा अपनी फर्म का लेटर पैड पर अधिकारी से लिखवाया जाएगा कि वह उक्त फर्म पर रेड करने आए है और कारण समेत अधिकारी अपने पद की जानकारी भी उसमें लिखेगा।

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