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जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट रनवे ट्रायल को एक माह तक परीक्षण की मंजूरी , 15 दिसंबर तक पूरा होगा ट्रायल 

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नोएडा 18 अक्टूबर : इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर पर रनवे ट्रायल की नागर विमानन महानिदेशालय से मंजूरी मिल गई है। एक माह तक परीक्षण की मंजूरी के तहत अब 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक अलग-अलग एयरलाइंस के खाली विमान रनवे पर उतारते हुए ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा ! इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।

यहां रनवे ट्रायल किया जा सकेगा चर्चा अनुसार 30 नवंबर को 3 प्रकार से एयरक्राफ्ट और विमान उतारकर टेस्टिंग की जाएगी।

यहांअच्छी बात है कि 4 दिन तक चली कैलिब्रेशन प्रकिया को डीजीसीए ने ग्रीन सिग्नल दिया है जिसका अर्थ है की एयरपोर्ट पर लगाए गए उपकरण और रनवे मानकों के अनुरूप पाए गए। यह उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा के सांसद डॉ महेश शर्मा का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उसका श्रेय लोग डॉ. महेश शर्मा को देते हैं।

गौरतलब है की ट्रायल दौरान अलग-अलग एयरलाइंस के खाली विमान रनवे पर उतारकर ताकत और क्षमता को परखा जाएगा। कैलिब्रेशन प्रकिया को मंजूरी मिलने के बाद ही यह अगली प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसके अंतर्गत पहले खाली विमान फिर 30 नवंबर को विमानों को क्रू मेंबर और यात्रियों के साथ लैंडिंग कराने की योजना है।

सफल रही थी परीक्षण उड़ान

उल्लेखनीय है इससे पहले भारतीय विमानपत्तनम प्राधिकरण (एएआइ) और महानिदेशक नागरिक उड्डयन (डीजीसीए) की देखरेख में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर पर चार दिन चली परीक्षण उड़ान के दौरान नेवीगेशन उपकरणों और रनवे की कार्यक्षमता की सफलतापूर्वक जांच की गई थी। परीक्षण उड़ान समय जब प्लेन के पहियों ने रनवे की धरती को चूमा तो महसूस हुआ कि नोएडा में विकास की एक नई गाथा लिखी जा रही है।

नेविगेशन और लैंडिंग लाइट्स सही मिलीं

जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर परीक्षण उड़ान के दौरान एयरक्राफ्ट ने हवाई पट्टी से दो बार उड़ान भरी और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम सहित अन्य उपकरणों की कार्यक्षमता की जांच की। खराब मौसम और कोहरे जैसी प्रतिकूल परिस्थिति में लैंडिंग हो सके, इसके लिए सीएटी-1 और सीएटी-3 उपकरणों की जांच की गई। इस उड़ान से एयरपोर्ट पर नेविगेशन और रनवे की लैंडिंग लाइट्स से जुड़ी सभी अहम चीजें दुरुस्त पाई गईं।

भूमि अधिग्रहण नीति में भी बदलाव

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यीडा के अनुसार, नोएडा एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र को और विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भूमि अधिग्रहण नीति में भी बदलाव किया है। ढांचागत सुविधाओं के लिए होटल, रेस्टोरेंट और ट्रैफिक के वास्ते भूमि अधिग्रहण की सीमा 5 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसदी तक की गई है। इस नीति से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरने वाले होटल समूहों के और अधिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।

हवाई अड्डे के बन जाने से क्या होगा

यात्री नए हवाई अड्डे से विमान सेवा ले सकेंगे। इस हवाई अड्डे को अगले साल अप्रैल महीने में शुरू कर दिया जाएगा। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की शुरुआत की खासियत ये होगी कि यहां अगले साल 17 अप्रैल से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा का परिचालन भी शुरू कर दिया जाएगा। आम तौर पर हवाई अड्डों पर पहले घरेलू उड़ानें शुरू की जाती हैं और बाद में इंटरनेशनल, लेकिन यहां ऐसा नहीं होगा। नोएडा एयरपोर्ट शुरू हो जाने से ना सिर्फ नोएडा, बल्कि गाजियाबाद में रहने वाले लोगों को भी सहूलियत होगी. दिल्ली के एक हिस्से के यात्रियों के लिए भी एयरपोर्ट पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके अलावा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का भार भी काफी घट जाएगा।

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