मुकेश घई
मंडी गोबिंदगढ़ 17 अक्तूबर। पंजाबी राइटर्स एसोसिएशन मंडी गोबिंदगढ़ की मासिक बैठक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बीबी नानकी ऑडिटोरियम हॉल में हुई। इस दौरान साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी।
बैठक की अध्यक्षता सभा सीनियर सदस्य लिखारी अमर सिंह सैंपला ने की। शुरुआत भगत कबीर के शबद कबीरा जब हम आए जगत में, हम रोए जग हंसे से हुई। शोक प्रस्ताव के माध्यम से सभा के सदस्य अवतार सिंह चाने के जीजा के निधन पर मौन रख शोक जताया गया। फिर रचनाओं के दौर में सुखविंदर ग्रेवाल ने गीत सुनाया। हरनेक सिंह चाने ने करणी भरणी प्रसंग सुनाया। अवतार सिंह चाने ने गीत ना इल्जाम ला ऐने मैथों सह नहीं होने सुनाया।
इसी क्रम में उपकार सिंह दयालपुरी ने विच कुख दे ना हुन मैनू मार अमिए गीत सुनाया। जगजीत सिंह गुरम ने रुखा कोलो झुकना सिख लै, पानी कोलो वहिना गीत सुनाया। मंजीत सिंह घुम्मन ने अखियां दे नाल नशियां दा खाइए ना गीत सुनाया। अमर सिंह सैंपला ने कहानी दो मतरईयां सुनाई । स्नेह इंदर सिंह मील्लू ने कहानी अन जमिया शरीर सुनाई। कवित्री सुरिंदर पाल कौर परमार ने कविता मच रही धरती रो रेहा रुख सुनाई।
सभा प्रधान लिखारी अनूप सिंह खानपुरी ने गीत ‘गुरु ग्रन्थ जी मानियो सानू हुक्म हो आया पेश किया। कार्यक्रम में समाजसेवी नरिंदर भाटिया, डॉ.अमित संदल, परमजीत सिंह धीमान, तेजपाल सिंह मरजारा ने विचार व्यक्त किए। सभा की कार्रवाई जगजीत सिंह गुरम की देखरेख में चली।
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