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चंडीगढ़ : हाईकोर्ट का आदेश आने के बावजदू पीजीआई के वार्ड अटेंडेंट हड़ताल पर अड़े, बाकी कांट्रेक्ट मुलाजिम लौटे

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पीजीआई और यूटी प्रशासन को हाईकोर्ट ने दिया आदेश, काम पर ना लौटने वाले मुलाजिमों पर एक्शन लिया जाए

चंडीगढ़ 17 अक्टूबर। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पीजीआई में कांट्रेक्ट वाले हॉस्पिटल अटेंडेंट हड़ताल पर अड़े हैं। हालांकि, सफाई सेवक, किचन स्टाफ और ऑफिस बियरर काम पर लौट आए।

 जानकारी के मुताबिक अवकाश का दिन होने के कारण पीजीआई के कार्यालय बंद रहे, लेकिन ओपीडी में फॉलोअप वाले मरीजों के पंजीकरण जारी हैं। पीजीआई में सात दिन से हॉस्पिटल अटेंडेंट, किचन स्टाफ, सफाईसेवकों व ऑफिस बियरर की हड़ताल से व्यवस्था चरमरा गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को हड़ताल पर रोक लगा दी थी।

साथ ही हाईकोर्ट ने आउटसोर्स वाले मुलाजिमों को तुरंत काम पर लौटने का आदेश दिया था। साथ ही यूटी प्रशासन व पीजीआई प्रबंधन को आदेश दिया था कि जो कर्मचारी काम पर नहीं लौटें, उन पर कार्रवाई की जाए। दरअसल पीजीआई चंडीगढ़ ने याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट को बताया था कि पीजीआई अटेंडेंट कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन ने 16 सितंबर को उन्हें नोटिस दिया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के फरवरी, 2020 में जारी आदेश के अनुसार अनुबंधकर्मियों को नियमित कर्मियों के समान वेतन दिया जाए। साथ ही इस वेतन का एरियर जारी किया जाए और इसमें से कोई कटौती ना की जाए।
इस नोटिस में कहा गया था कि यदि एरियर के साथ यह राशि 10 अक्तूबर तक जारी नहीं की गई तो हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। हड़ताल शुरू होने के बाद पीजीआई की अन्य यूनियनों ने भी उन्हें अपना समर्थन दे दिया और काम करना छोड़ दिया। पीजीआई की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट ने बीते 9 अगस्त को पीजीआई की कर्मचारी यूनियनों के हड़ताल के ऐलान पर रोक लगाई थी, बावजूद इसके यह हड़ताल की जा रही है।

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पताल अनिवार्य क्षेत्र है और उसके कर्मचारी सेवा-विवाद के चलते काम से गैर-मौजूद नहीं रह सकते। इससे पीजीआई की स्वच्छता और सफाई व्यवस्था खतरे में पड़ गई है। पीजीआई उत्तर क्षेत्र का बेहतरीन संस्थान है और इस हड़ताल से उसकी बदनामी हो रही है। 1947 के अनिवार्य सेवा एक्ट के तहत कर्मचारियों की हड़ताल पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि हमें ऐसा कोई कारण दिखाई नहीं देता कि पीजीआई और यूटी प्रशासन काम पर ना लौटने वालों पर कार्रवाई ना कर सके। ऐसे में हाईकोर्ट ने कर्मियों को काम पर लौटने का आदेश दिया। साथ ही कर्मचारी यूनियनों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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