190 से अधिक देशों के 3000 से अधिक वैश्विक नेता प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ,6जी,एआई बिग डाटा,साइबरसुरक्षा एम2एम प्रौद्योगिकी मानक के भविष्य को आकर देंगे
भारत और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहली बार इस वैश्विक आयोजन से दूरसंचार डिजिटल व सूचना संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारत की तेज़ी से बढ़ती प्रौद्योगिकी विकास,डिजिटाइजेशन व संचार कनेक्टिविटी क्षेत्र में नए आयाम को प्राप्त करते हुए देखकर पूरी दुनियाँ अचंभित है,जो भारत के साथ सहभागिता कर लाभ उठाना चाहते हैं, इसलिए हर 4 वर्षों के बाद होने वाले आठवें विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली काआयोजन 15 से 24 अक्टूबर 2024 को भारत में हो रहा है,जिसमें 190 से अधिक देश और वैश्विक नेता प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें सभी आपस में तकनीकीयों कों साझा कर विकास के नएआयाम को छुएंगे, जो भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहली बार इस वैश्विक आयोजन से दूरसंचार डिजिटल व सूचना संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मिल का पत्थर साबित होगा।
साथियों बात अगर हम नई दिल्ली में 15 से 24 अक्टूबर 2024 तक चल रहे आठवें विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली की करें तो,अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 15 से 24 अक्टूबर, 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। आईटीयू के इतिहास में यह पहली बार होगा कि यह प्रतिष्ठित वैश्विक तकनीकी कार्यक्रम एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हो रहा है।190 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक विश्व नेता और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ 6जी, एआई, आईओटी, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, एम2एम संचार और क्वांटम प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी मानक के भविष्य को आकार देने के लिए सहयोग करेंगे डब्ल्यूटीएसए के अन्य कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, आईटीयू और भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से आयोजित एआई भारत 5जी/6जी हैकाथॉन का दूसरा चरण आज शुरू हुआ।पीएम ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ द्वारा आयोजित 2024 विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा का उद्घाटन किया। यह पहली बार है जब भारत इस प्रतिष्ठित वैश्विक कार्यक्रम की मेज़बानी कर रहा है, जिसमें दूरसंचार के भविष्य पर चर्चा करने के लिए उद्योग जगत के नेता, नीति निर्माता और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ एक साथ आ रहे हैं। डब्लूटीएसए के साथ-साथ,पीएम ने एशिया के सबसे बड़े डिजिटल प्रौद्योगिकी मंच इंडिया मोबाइल कांग्रेस के 8वें संस्करण का भी उद्घाटन किया।
साथियों बात अगर हम 16 अक्टूबर 2024 को माननीय पीएम के दूरसंचार मानकीकरण सभा के उद्घाटन संबोधन की करें तो,उन्होंने नई दिल्ली में आईटीयू द्वारा आयोजित 2024 विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा का उद्घाटन किया। यह पहली बार है जब भारत इस प्रतिष्ठित वैश्विक कार्यक्रम की मेज़बानी कर रहा है,डब्लूटीएसए के साथ साथ पीएम ने एशिया के सबसे बड़े डिजिटल प्रौद्योगिकी मंच इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी ) के 8 वें संस्करण का भी उद्घाटन किया,अपने संबोधन में उन्होंने वैश्विक दूरसंचार क्षेत्र में भारत की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि भारत में दूरसंचार केवल कनेक्टिविटी का साधन नहीं है, बल्कि समानता और अवसर प्रदान करने का साधन है। उन्होंने भारत की डिजिटल सफलता के उदाहरणों के रूप में देश के 1.2 बिलियन के विशाल मोबाइल उपयोगकर्ता आधार, 950 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और दुनिया के 40 प्रतिशत से अधिकवास्तविक समय के डिजिटल लेनदेन में इसके योगदान का हवाला दिया।उन्होंने डिजिटल कनेक्टिविटी में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला, जैसे कि ऑप्टिकल फाइबर की तैनाती, जो केवल एक दशक में, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी के आठ गुना के बराबर है। उन्होंने भारत के तेजी से 5जी रोलआउट की भी प्रशंसा की, जिसने लगभग सभी जिलों को जोड़ा है, जिससे देश वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बड़े 5जी बाजार के रूप में स्थापित हुआ है। भारत अब 6जी तकनीक के लिए कमर कस रहा है, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह वैश्विक दूरसंचार नवाचार में सबसे आगे रहे।उन्होंने डिजिटल इंडिया पहल के चार स्तंभों को रेखांकित किया- किफायती डिवाइस, व्यापक कनेक्टिविटी, सुलभ डेटा और डिजिटल फर्स्ट मानसिकता।उन्होंने इन स्तंभों को भारत के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस और ओएनडीसी जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से लाखों अवसर पैदा किए,जिसने ई-कॉमर्स में क्रांति ला दी।प्रधानमंत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी शासन के लिए वैश्विक ढांचा बनाने के महत्व को भी रेखांकित किया, साइबर सुरक्षा और नैतिक एआई जैसे मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने समावेशी प्रौद्योगिकी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने वाली पहलों के माध्यम से, जैसे कि नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम और महिला उद्यमियों के लिए महिला ई-हाट ऑनलाइन मार्केटप्लेस।अंत में,उन्होंने ऐसे नवाचार का आह्वान किया जो समावेशी, सुरक्षित और नैतिक होताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी क्षेत्र या समुदाय डिजिटल क्रांति में पीछे न छूट जाए।उन्होंने डब्ल्यूटीएसए और आईएमसी की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं और दुनियाँ के साथ अपनी डिजिटल अवसंरचना विशेषज्ञता साझा करने की भारत की इच्छा व्यक्त की।इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 400 से अधिक प्रदर्शक और 900 स्टार्टअप भाग ले रहे हैं, जो 5जी, 6जी, आईओटी, एआई और ग्रीन टेक में प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत के बढ़ते नेतृत्व पर प्रकाश डालता है।
साथियों बात अगर हम अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ की महासचिव के संबोधन की करें तो, उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली और इंडिया मोबाइल कांग्रेस के संयुक्त समारोह में पीएम के साथ उपस्थित होना उनके लिए सम्मान का विषय है। उन्होंने कहा कि यह आईटीयू और भारत के बीच घनिष्ट संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने पिछले साल आईटीयू क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र के उद्घाटन के दौरान पीएम के साथ हुई बातचीत को भी याद किया। उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह पहले न्यूयॉर्क में विश्व नेताओं ने एक साथ भविष्य में वैश्विक डिजिटल समझौते को अपनाने के बारे में चर्चा करके दुनियाँ को एक सशक्त संदेश दिया हैउन्होंने कहा कि पीएमने वैश्विक डिजिटल गवर्नेंस कीआवश्यकता पर जोर देकर अपने नेतृत्व और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को पूरी दुनिया के साथ साझा करने की भारत की महत्वाकांक्षा को स्पष्ट किया है।उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता में डीपीआई को प्राथमिकता दिए जाने और ज्ञान भागीदार बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के संबंध में भारत की उपलब्धियों से विश्व बहुत कुछ सीख सकता है।उन्होंने कहा कि मानक विश्वास का प्रतीक हैं और यह विभिन्न प्लेटफार्मों को बड़े पैमाने पर संचालन करने और प्रत्येक भारतीय को मोबाइल डिवाइस की पहुंच के माध्यम से उनके जीवन को बदलने वाली सेवाएं प्रदान करने में मदद करते है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वास समावेश को बढ़ावा देता है और समावेशन सभी को डिजिटल और उभरती प्रौद्योगिकियों को पूरी क्षमता के साथ प्रयोग करने में सक्षम बना सकता है, जिसमें मानवता का एक तिहाई हिस्सा भी शामिल है जो डिजिटल सेवाओं की पहुंच से अभी वंचित हैं। उन्होंने एशिया में होने वाली इस पहली बैठक में सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले 10 दिनों में वैश्विक डिजिटल गवर्नेंस के आधार के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मानकों की भूमिका को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमता के के नैतिक उपयोग और तकनीकी प्रगति को डिजिटल समावेशन के साथ जोड़ने का आग्रह किया।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगेकि 8 वें विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली भारत15-24 अक्टूबर 2024- एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहली बार भारत में जारी है190 से अधिक देशों के 3000 से अधिक वैश्विक नेता प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ,6जी,एआई बिग डाटा, साइबरसुरक्षा एम2एम प्रौद्योगिकी मानक के भविष्य को आकर देंगे।भारत और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहली बार इस वैश्विक आयोजन से दूरसंचार डिजिटल व सूचना संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे
*-संकलनकर्ता लेखक-कर विशेषज्ञ स्तंभक़ार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र*