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बड़ा फैसला : अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा दस साल नहीं कर सकेंगे सियासत, श्री अकाल तख्त का है फरमान

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शिरोमणि अकाली दल से निकालने का भी आदेश, कार्रवाई जत्थेदारों पर इलजाम लगाने की वजह से

चंडीगढ़ 15 अक्टूबर। पंजाब की सियासत में हलचल पैदा करने वाली बड़ी कार्रवाई हुई है। पांच सिंह साहिबान की तरफ से सीनियर अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा पर दस साल के लिए राजनीतिक-प्रतिबंध लगा दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक सिंह साहिबान ने वल्टोहा को शिरोमणि अकाली दल से निकालने के भी आदेश दिए हैं। शिअद-बादल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा मंगलवार को श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश हुए। पिछले दिनों उन्होंने जत्थेदारों पर बीजेपी और आरएसएस के दबाव को लेकर बयान दिया था। जिस पर पांच सिंह साहिबान की तरफ से वल्टोहा से स्पष्टीकरण मांगा गया था। मंगलवार को वह श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष अपना स्पष्टीकरण लेकर पेश हुए। इस दौरान वल्टोहा ने करीब तीन घंटे तक सिंह साहिबान के सवालों के जवाब दिए।

बताते हैं कि वल्टोहा ने सिंह साहिबान को अपना माफीनामा दिया। जिसके बाद सिंह साहिबान ने आदेश दिए कि वल्टोहा अपनी बयानबाजी के संबंध में सारे सबूत लेकर पेश हों, लेकिन वह सिर्फ माफीनामा लेकर ही पेश हुए थे। उनसे सवाल-जवाब की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के वर्किंग प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को आदेश दिए गए कि वल्टोहा की राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा उनकी प्राथमिक सदस्यता रद की जाए। साथ ही उन्हें पार्टी से दस साल के लिए निकाला जाए।

यह गलती की थी वल्टोहा ने :

दरअसल बीते शनिवार को वल्टोहा ने सोशल मीडिया पर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ बयान दिया था। जिसमें उन्होंने जत्थेदारों पर आरएसएस व भाजपा के दबाव में शिअद सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल को तनखाइया घोषित करने का इलजाम लगाया था। इसे लेकर वल्टोहा की काफी आलोचना हो रही थी।

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