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संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने श्री भैणी साहिब द्वारा आयोजित

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5वें सर्वधर्म सम्मेलन में दिया शांति और सद्भावना का संदेश

 

लुधियाना 13 Oct : रविवार को नामधारी समुदाय के प्रमुख श्री सत्गुरु उदय सिंह जी महाराज के सान्निध्य में 5वें सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कई धर्मों के मुख्य धार्मिक और आध्यात्मिक रहनुमा सम्मिलित हुए। सम्मेलन में सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष परम पूजनीय संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को भी संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था, जहां उन्होंने भैणी साहिब के खूबसूरत परिसर के संगत से खचाखच भरे समूह को संबोधित करते हुए शांति और सद्भावना का विश्व-कल्याणकारी पावन संदेश दिया।

यह संत राजिन्दर सिंह जी महाराज की श्री भैणी साहिब की पहली यात्रा थी।

नामधारी समुदाय के प्रमुख श्री सत्गुरु उदय सिंह जी ने संत राजिन्दर सिंह जी महाराज और आदरणीय माता रीटा जी का भैणी साहिब पधारने पर फूलों के गुलदस्ते देकर स्वागत किया। उन्होंने संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को प्रेम, ज्योति-स्वरूप और शांति का स्तंभ कहा, जो अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं से समस्त मानव जाति का कल्याण कर रहे हैं। यह मौका दो आध्यात्मिक प्रमुखों के मिलन का एक सुंदर समागम था, जोकि मानव एकता, शांति और सार्वभौमिक सद्भाव के द्वारा विश्वभर में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से विचारों और सुझावों का आदान-प्रदान करने के लिए एकत्रित हुए थे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने कहा कि भैणी साहिब की इस पवित्र धरती पर आकर मुझे बहुत ही खुशी हो रही है। सावन कृपाल रूहानी मिशन का नामधारी समुदाय के साथ बहुत पुराना संबंध है और आज हम सब यहां इस सम्मेलन में विभिन्न धर्मों और उनकी शिक्षाओं के बारे में जानने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है कि सभी धर्म प्रभु को पाने का रास्ता सिखलाते हैं। जिन महापुरुशों के नाम पर धर्म शुरू हुए हैं, उन सभी ने अपने अंदर प्रभु का अनुभव किया था। हर धर्म के दो पहलू होते हैं। एक बाहरी और दूसरा अंतरीय। सभी धर्मो के बाहरी पहलू और उनके रीति-रिवाज अलग-अलग होते है। हम केवल धर्म के बाहरी पहलू का ही पालन करते हैं लेकिन हर धर्म का एक अंतरीय पहलू भी है, जो है अपने आपको जानना और अपनी आत्मा का मिलाप पिता-परमेश्वर से कराना।

उन्होंने आगे फ़रमाया कि मानव चोले का मिलना एक बहुत ही सुनहरा अवसर है, क्योंकि इसमें वो सब पदार्थ दिए गए हैं, जो हमें परमात्मा को पाने के लिए चाहिए। पिता-परमेश्वर कहीं बाहर नहीं, बल्कि हमारे अंदर हैं, ध्यान-अभ्यास के द्वारा हम प्रभु की ज्योति और श्रूति का अनुभव कर सकते हैं। अंदर की दुनिया दिव्य सुंदरता और मधुर संगीत से भरपूर है, जो हर समय हमारे अंदर चल रहा है। जब हम अपने शरीर और मन को शांत करते हैं, तब हम प्रभु की ज्योति और श्रुति से जुड़कर अपने जीवन के ध्येय जोकि अपने आपको जानना और पिता-परमेश्वर को पाना, को पूरा कर सकते हैं।

अपने प्रवचन के अंत में संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने कहा कि सभी संत-महापुरुश हमें प्रभु से जोड़ने के लिए आते हैं। इस सम्मेलन में हमने आज विभिन्न धर्मों के प्रमुखों की शिक्षाओं को सुना। अगर हम उनकी बताई गई शिक्षाओं को अपने जीवन में ढालेंगे तो हमारा जीवन प्रेम, एकता और शांति से भर जाएगा। हमें धर्मों के अंतरीय पहलू पर फोकस करते हुए प्रतिदिन ध्यान-अभ्यास में समय देना चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं तो हम अपने जीवन के ध्येय को बड़ी ही जल्दी पा लेंगे।

श्री सत्गुरु उदय सिंह जी ने कहा कि अगर हम अपने जीवन में मन, वचन और कर्म से अहिंसा के रास्ते पर चलें तो हम सही मायने में धर्म के नियमों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम प्रभु के नाम का सिमरन करेंगे तो हम उनसे जुड़ जाएंगे।

श्री भैणी साहिब नामधारी समुदाय का मुख्यालय होने के अलावा पंजाब का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धार्मिक स्थल भी है, जोकि श्री सत्गुरु रामसिंह जी द्वारा स्थापित किया गया था। श्री सत्गुरु उदय सिंह जी नामधारी सिक्खों के वर्तमान आध्यात्मिक प्रमुख हैं, जो नामधारी समुदाय की ऐतिहासिक परंपरा को आज के आधुनिक माहौल के साथ जोड़ रहे हैं।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज गैर-लाभकारी संगठन सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख हैं, जिसे साइंस ऑफ स्पिरिचुएलिटी के नाम से भी जाना जाता है। एक पूर्व वैज्ञानिक, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के जीवन और कार्य को प्रेम और निश्काम-सेवा की एक लगातार चलने वाली यात्रा के रूप में देखा जा सकता है, जिसका उद्देश्य लोगों को मनुश्य जीवन के मुख्य ध्येय को खोजने में उनकी मदद करना है। पिछले 35 वर्शों से उन्होंने सभी क्षेत्रों के लोगों को ध्यान-अभ्यास की कला सिखाकर उन्हें अपने सच्चे आत्मिक स्वरूप से जुड़ने में उनकी मदद की है।

सावन कृपाल रूहानी मिशन के आज संपूर्ण विश्वभर में 3200 से अधिक केन्द्र स्थापित हैं। मिशन का भारतीय मुख्यालय विजय नगर, दिल्ली में है तथा अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय नेपरविले, शिकागो, अमेरिका में स्थित है।

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