लुधियाना
13 अक्टूबर। वेरका मिल्क प्लांट लुधियाना के ऑडिट विभाग में अधिकारियों द्वारा बड़ा हेरफेर किया जा रहा है। यह एक अधिकारी नहीं बल्कि उच्च सत्र से लेकर इंस्पेक्टर सत्र के अधिकारियों की आपसी मिलीभगत के साथ किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा आपसी सेटिंग के चलते अपने फायदे के लिए कोई भी आदेश जारी करवा दिया जा रहा है। यूटर्न टाइम अखबार की और से पहले ही वेरका मिल्क प्लांट लुधियाना के ऑडिट विभाग में बड़े घोटाले होने की आशंका जाहिर की थी। जिसमें ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह द्वारा किस तरीके से जीएम से ज्यादा बाहुबली होने समेत कई मामलों का खुलासा किया गया था। लेकिन इस बात पर अब ऑडिट विभाग सहकारी सभाओं द्वारा खुद यूटर्न टाइम अखबार के उक्त खुलासों पर मोहर लगा दी है। दरअसल, वेरका मिल्क प्लांट के ऑडिट विभाग की रिपोर्टिंग पहले इललीगल तरीके से मोगा के ऑडिट अफसर को की जा रही थी। लेकिन पंजाब सरकार द्वारा मोगा के उक्त अफसर का तबादला कर उसे लुधियाना सहकारी सभाओं लुधियाना में ऑडिट अफसर तैनात कर दिया। अब विभाग द्वारा नए आदेश जारी करते हुए लुधियाना के ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह को मोगा से लुधियाना ट्रांसफर किए ऑडिट अफसर को रिपोर्टिंग करने के आदेश जारी किए हैं। यानि कि कही न कही अधिकारियों की आपसी सेटिंग के चलते रिपोर्टिंग एक ही अफसर को करने के बार बार आदेश जारी हो रहे हैं। इन आदेशों के बाद यह जरुर है कि कही न कही कोई गड़बड़ जरुर है।
10 अक्टूबर को जारी हुए आदेश
जानकारी के अनुसार नियमों के मुताबिक जिस जिले में ऑडिट अफसर तैनात है, उस जिले के ऑडिट इंस्पेक्टर को उसे ही रिपोर्टिंग करनी होती है। लेकिन सहयकारी सभाएं, पंजाब के ज्वाइंट चीफ ऑडिटर 25 अक्टूबर 2023 को आदेश जारी किए कि लुधियाना के ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह की और से मोगा के ऑडिट अफसर को रिपोर्ट देनी है। हालाकि जगदीप सिंह पंजाब का पहले इंस्पेक्टर है, जिसकी और से एक जिले की रिपोर्टिंग दूसरे जिले के ऑफिसर को करनी है। लेकिन करीब एक महीना पहले उक्त ऑडिट ऑफिसर मोगा का तबादला लुधियाना कर दिया। जिसके चलते ऑडिट इंस्पेक्टर को मोगा में नवनियुक्त अफसर को रिपोर्ट करने में दिक्कत थी। इसी के चलते 10 अक्टूबर 2024 को दफतर ऑडिट अफसर सहकारी सभाओं, मोगा के ऑडिट अफसर द्वारा लुधियाना की रिपोर्टिंग लुधियाना के ऑफिसर को करने के आदेश जारी कर दिए।
15 साल से एक ही जिले में है तैनात
चर्चा है कि उक्त ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह पिछले 15 सालों से एक ही जिले यानि कि लुधियाना में तैनात है। जबकि नियमों के मुताबिक कोई भी अधिकारी इतना लंबा समय एक ही जिले में नहीं रह सकता। हालाकि चर्चा है कि ऑडिट इंस्पेक्टर की विभाग के अधिकारियों से आपसी सेटिंग होने के चलते यह खेल किया जा रहा है। वहीं चर्चा है कि उक्त अधिकारी की लुधियाना से लेकर चंडीगढ़ तक सेटिंग है। जिसके चलते 2023 में चंडीगढ़ से ऑर्डर करवा दिए गए।
पूर्व जीएम देते रहे शिकायतें, नहीं हुआ एक्शन
जानकारी के अनुसार मिल्क यूनियन के पूर्व जीएम डॉ. सुरजीत सिंह भदौड़ की और से पहले ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह के खिलाफ कई बार लिखित में प्रबंध निर्देशक मिल्कफैड पंजाब को भेजी गई थी। लेकिन उनकी शिकायत पर कभी एक्शन नहीं लिया गया। उन्होंने अपनी शिकायतों में ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह पर एक ही जिले में 15 साल तैनात रहने समेत विभाग में बड़े घोटाले होने के भी आरोप लगाए थे। लेकिन उक्त अफसर इतना बाहुबली है कि आज तक कोई उस पर एक्शन नहीं करवा सका है।
करोड़ों रुपए की अवैध तरीके से पेमेंट करने के आरोप
पूर्व जीएम डॉ. सुरजीत भदौड़ ने मार्च 2024 में की शिकायत में कहा था कि मिल्क यूनियन के फंडों में से साल 2018 से 2023 के दौरान 40.90 लाख रुपए की इंटरनेट सहुलियत की पेमेंट बिना बोर्ड परमिशन के दे दी गई। लेकिन दूध प्राप्ती व लेखा शाखा द्वारा दूध सभाओं को इस फंड की अवैध तरीके से की पेमेंट पर कोई एतराज नहीं किया गया। इसके अलावा दूध की गुनवता बढ़ाने के लिए 3.65 करोड़ के कंपोनेंट खरीद डंप कर डाले। ऑडिट विभाग ने आपसी मिलीभगत के चलते इस पर कोई ऐतराज भी नहीं किया। इस तरह करके ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही की। इसी के चलते डॉ. सुरजीत भदौड़ द्वारा उक्त अफसर को बदलने की सिफारिश की थी। वहीं इसी के साथ मई 2024 में भी शिकायत की गई। लेकिन फिर भी एक्शन नहीं हुआ। वहीं तीसरी शिकायत जुलाई 2024 में की। फिर भी एक्शन नहीं हुआ।
क्या ईमानदार आप सरकार लेगी एक्शन
वहीं लोगों में चर्चा है कि आप सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान की और से ईमानदार सरकार होने की बात कही जाती है। हालाकि उनकी और से भ्रष्टाचार करने वालों पर नकेल भी कसी जा रही है। लेकिन अब देखना होगा कि क्या आप सरकार वेरका मिल्क प्लांट में हो रहे इस घोटाले पर भी शिकंजा कसेगी या नहीं। वहीं इस मामले में मिल्कफेड के चेयरमैन को भी दखल देने की जरुरत है।
आशंका, घोटाला छिपाने की कोशिश
वहीं चर्चा है कि लुधियाना वेरका प्लांट के ऑडिट विभाग द्वारा घोटाले किए गए हैं। जिसके चलते दूसरे ऑडिट अफसर को रिपोर्ट नहीं होने की जा रही। चर्चा है कि घोटालों को छिपाए रखने के लिए ही यह आदेश जारी हो रहे हैं। हालाकि इससे पंजाब सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वहीं इस संबंधी ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह से पहले बातचीत भी की गई थी। लेकिन उन्होंने कहा था कि वह इस संबंधी बयान नहीं दे सकते, यह नियमों के खिलाफ हैं।





