पंजाब 13 अक्टूबर। पंजाब में धान की फसल की सरकारी खरीद न होने पर रविवार को किसान संगठनों द्वारा राज्य में कई जगह ट्रेनें रोकी और सड़कें जाम की। करीब तीन घंटे तक यह धरना प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को स्टेज तो बखूबी संभालनी आती है, लेकिन स्टेट चलाना उनके बस की बात नहीं है। रेलवे ट्रैक जाम किए जाने से पंजाब भर में रेलवे स्टेशनों पर बैठे यात्री परेशान होते रहे। अमृतसर में जालंधर-अंबाला रेल मार्ग पर वल्ला रेलवे स्टेशन पास रेलवे लाइन पर बैठे भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां के सदस्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। किसान नेता परमिंदर सिंह पंडोरी ने इस दौरान संबोधित करते हुए कहा कि जब फसल बोने का समय होते है तब भी डीएपी के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता है फिर जब फसल पक जाती है तब भी उसे बेचने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता है। किसानों द्वारा लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, बठिंडा, मोगा, बरनाला समेत कई शहरों में धरना प्रदर्शन कर जाम लगाया। इस दौरान किसानों ने कहा कि अगर उनकी बातें न मानी गई तो संघर्ष और तेज किया जाएगा।
लुधियाना में 7 जगह सड़कें जाम
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लुधियाना में किसानों ने सड़क जाम कर दिया है। शेरपुर चौक, डेहलों, कोहाड़ा चौक, लाडोवाल चौक, किला रायपुर में किसान सड़कों पर बैठे हैं। किसानों के द्वारा सड़क जाम करने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के साथ किसानों की बहसबाजी भी हुई है। किसानों ने दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
डीसी के कहने पर भी नहीं लगा धान का भाव
मोगा जीटी रोड पर किसानों, आढती संगठन और गला मजदूरों ने तीन घंटे तक सड़क यातायात ठप रखा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा, भारतीय किसान यूनियन लाखोवाल, कीर्ति किसान यूनियन के बिना आढती एसोसिएशन और गला मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान आढती नेता कन्हैया गुप्ता बंका, राजकुमार भल्ला, जगजीत सिंह सिद्धू ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अब तक की सबसे बेकार सरकार साबित हुई है। डीसी द्वारा खरीद शुरू करवाने पर भी धान का भाव नहीं लग रहा । किसान नेता अमनदीप सिंह ललतो, जगतार सिंह देहडाका, तरसेम सिंह बासुवाल, इंदरजीत सिंह धालीवाल, रछपाल सिंह दल्ला, जोगिंदर सिंह मलसिहान, बलविंदर सिंह कोठे पोना सुखवंत कोर गलाब, कुलविंदर सिंह मोही, गुरचरण सिंह गुरुसर, कुलवंत सिंह कांता, मजदूर नेता हुकुमराज देहडाका सुखदेव सिंह मानूके मौजूद थे।