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लाइफ स्टाइल एग्जीबिशन बनी टैक्स चोरी का गोरखधंधा, जीएसटी विभाग बना मूकदर्शक

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लुधियाना 12 अक्टूबर। लुधियाना में धड़ल्ले से एक के बाद एक लगातार लाइफ स्टाइल एग्जीबिशनें लगाई जा रही है। चर्चा है कि कई ऑर्गनाइजरों की और से एग्जीबिशनों की आड़ में टैक्स चोरी करने का गोरखधंधा शुरु कर लिया गया है। जिनकी और से एग्जीबिशन की आड़ में करोड़ों रुपए का टैक्स चोरी किया जा रहा है। हालाकि जीएसटी विभाग की और से इस ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिसके चलते शहर में आए दिन कोई न कोई लाइफ स्टाइल एग्जीबिशन लगती है और मोटा पैसा अंदर कर लिया जाता है। कई एग्जीबिशन लगाने की आड़ में तो ऑर्गनाइजर जीएसटी विभाग व जिला प्रशासन तक को चुना लगा जाते है और उन्हें पता ही नहीं चल पाता। ताजा मामला लुधियाना में ही दो दिन पहले देखने को मिला है। जहां टीबीबी वैनिटी फेयर फर्म द्वारा होटल हयात में लाइफ स्टाइल एग्जीबिशन लगाई गई। जबकि उसमें भाग लेने वाले लोगों द्वारा फर्म पर उनके साथ ठगी करने के आरोप लगाए गए। जिसमें कहा गया कि उक्त फर्म सारा पैसा लेकर रफूचक्कर हो गई। जिससे साबित होता है कि जीएसटी विभाग व प्रशासन को इस तरह लगने वाली गई एग्जीबिशनों का पता ही नहीं चल पाता। जबकि ऑर्गनाइजर इसी की आड़ में अपनी कमाई करके चलते बनते हैं।

मनमानी रेट पर देते हैं टैक्स
चर्चा है कि ऑर्गनाइजरों द्वारा एग्जीबिशन लगाने के लिए आयोजित किए कार्यक्रम पर बनता जीएसटी टैक्स तो सरकार को अदा कर दिया जाता है। जबकि वहां पर लाखों करोड़ों रुपए की हुई सेल पर मनमानी तरीके से टैक्स प्रशासन को दिया जाता है। क्योंकि एग्जीबिशन में लाखों की कीमत के कपड़े व ज्वैलरी सेल की जाती है। जिसका रेट ऑर्गनाइजर अपनी तरफ से तय करते हैं। चर्चा है कि ऑर्गनाइजरों द्वारा बिल में भी हेरफेर कर दिया जाता है। जबकि प्रशासन को मनमानी रेट बता दिया जाता है। जिससे उन्हें टैक्स में भारी राहत मिलती है।

विभाग के पास नहीं कोई पैरामीटर
जीएसटी विभाग के पास कोई ऐसा पैरामीटर नहीं है, जिससे असली सेल का पता चल सके। विभागीय अधिकारियों से पूछने पर वह कह देते हैं कि उन्हें एग्जीबिशन का एंडवास में टैक्स जमा हो जाता है। लेकिन जब इसके आंकड़े मांगे जाते है तो अधिकारी टाल मटोल करने लगते हैं। अधिकारियों द्वारा आंकड़े मुहैया नहीं करवाए जाते। क्योंकि उन्हें पता है कि अगर आंकड़ों का खुलासा हुआ तो कई अधिकारियों की दुकानदारी बंद हो जाएगी। दरअसल, एक इवेंट करने पर 25 से 30 लाख खर्च आता है। जीएसटी विभाग द्वारा उस पर तो टैक्स ले लेती है। लेकिन हर आइटम पर जीएसटी लगने और गोल्ड व डायमंड पर अलग से टैक्स लगने के मामले में हेरफेर कर दिया जाता है।

पिछले दिनों शहर में लगे गई नामी एग्जीबिशन
पिछले दिनों लुधियाना में एक के बाद एक कई एग्जीबिशन लग चुकी है। यह लाइफ स्टाइल एग्जीबिशनों में लाखों रुपए की एक-एक चीज लाई जाती है। कुछ समय के अंदर शहर में फेमा, लिट्ल सर्कस, वेडिंग एशिया, सर्गी से सिंदूर समेत कई एग्जीबिशनें लगाई जा चुकी है। जिसमें भारी मात्रा में लोगों द्वारा शॉपिंग भी की गई है। दरअसल, लुधियाना के लोगों को कारों के अलावा  ज्वैलरी व कपड़ों का शौंक है। जिसके चलते लोग भारी संख्या में खरीददारी करने पहुंचते हैं।

दूसरी स्टेटों के काटे जाते हैं बिल
दरअसल, इन नामी एग्जीबिशन में देश भर से लोग आकर अपने स्टॉल लगाते हैं। ऐसे में स्टॉल लगाने वाली कंपनियों द्वारा अपनी फर्म के बिल दिए जाते हैं, जबकि लोगों द्वारा क्रेडिट व डेबिट कार्ड स्वैप किए जाते हैं। लेकिन यह सारी बिलिंग और पैसा दूसरी स्टेट में जा रहा है। यानि कि एक तो पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आपसी मिलीभगत कर पंजाब सरकार को चुना लगाया जा रहा है। ऊपर से दूसरी स्टेटों के बिल काटकर व बिलिंग करके दूसरे राज्यों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। जिस कारण पंजाब सरकार दो दोहरा चुना लग रहा है।

नामी डिजाइनर व ज्वैलर लेते है भाग
लुधियाना में लगने वाली सभी एग्जीबिशन में नामी डिजाइनरों द्वारा भाग लिया जाता है। जिसमें वह डिजाइनर भी शामिल होते हैं, जिनकी और से बॉलीवुड सेलिब्रिटी के कपड़े डिजाइन किए जाते हैं। ऐसे में उनकी एक ड्रेस की कीमत लाखों रुपए होती है। वहीं ज्वैलरों द्वारा कीमती हार लेकर आए जाते हैं। जिनकी कीमत कम से कम 10 से 15 लाख होती है। वहीं डायमंड सैट तो करोड़ों रुपए तक के होते हैं। ऐसे में उक्त ज्वैलर व डिजाइनर धड़ल्ले से अपना माल बेचते हैं। जिसके बाद सरकार को मनमानी रेट बता दिए जाते हैं। क्योंकि मशीनों द्वारा की बिलिंग में भी हेरफेर किया जाता है। ऐसे में जीएसटी विभाग उन्हीं बिलों को सही मानकर टैक्स ले लेता है।

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