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ताजपोशी : हरियाणा में अब 15 नहीं 17 अक्टूबर को होगा नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह

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पीएम मोदी का आना तय, नई कैबिनेट का खाका तैयार, विज भी मंत्रियों की सूची में शामिल

चंडीगढ़ 12 अक्टूबर। हरियाणा की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दिन में फेरबदल हो गया है। अब यह समारोह 15 की बजाए 17 अक्तूबर को होगा।

जानकारी के मुताबिक पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में 17 अक्तूबर को सुबह 10 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहेंगे। गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्य सचिव समारोह की तैयारियों के लिए दस मेंबरी कमेटी गठित कर चुके हैं।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी का दोबारा सीएम बनना तय है। वहीं उनके साथ 10 या 11 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। नई सरकार की कैबिनेट का खाका लगभग तय हो चुका है। वरिष्ठता और चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर नई कैबिनेट के लिए जीते विधायकों के नामों का चयन किया गया है। साथ ही जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है। चर्चाओं के मुताबिक अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक चुने गए अनिल विज का फिर से मंत्री बनना तय है। भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल विज सीएम पद के दावेदार भी रहे हैं।

उनके अलावा संभावित मंत्रियों की सूची में शामिल कृष्ण लाल पंवार इसराना से विधायक चुने गए हैं। वह मनोहर सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे। पार्टी का दलित चेहरा हैं। इसी प्रकार मूलचंद शर्मा बल्लभगढ़ से तीसरी बार जीते हैं। वह मनोहर व सैनी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वह ब्राह्मण समुदाय से होने के नाते फिर कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। इसी क्रम में महिपाल ढांडा पानीपत देहात सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। वह सैनी सरकार में मंत्री थे। पार्टी के पुराने नेताओं में शामिल ढांडा जाट बिरादरी से आते हैं।

जबकि विपुल गोयल ने फरीदाबाद से चुनाव जीता है, वह मनोहर सरकार में मंत्री रहे है। वैश्य प्रतिनिधित्व देने के नजरिए से गोयल को मौका मिलने के पूरे आसार हैं। जबकि रणबीर गंगवा बरवाला से जीते हैं और स्पीकर बनने की दौड़ में शामिल हैं। वह ओबीसी श्रेणी में कुम्हार जाति से आते हैं और मंत्री पद के सशक्त दावेदार हैं। इसके साथ ही राव नरबीर बादशाहपुर से 60 हजार मतों से जीते हैं और मनोहर सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। वह सीएम पद के दावेदार राव इंदरजीत के विरोधी खेमे से आते हैं। बीजेपी इंदरजीत को ‘बैलेंस’ करने को नरबीर का कद बढ़ा सकती है।
हालांकि केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत की बेटी आरती राव को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर पार्टी युवा, महिला व अहीरवाल क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दे सकती है। वहीं कृष्ण कुमार बेदी नरवाना से जीते हैं और मनोहर सरकार में मंत्री थे। दलित चेहरा होने की वजह से मंत्री पद पर उनका भी दावा मजबूत है। इसके साथ ही हरविंदर कल्याण घरौंदा से तीसरी बार जीते हैं और स्पीकर व मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। वह रोड जाति से हैं। इनके अलावा सावित्री जिंदल या कृष्णा गहलावत को मंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा को समर्थन देने वाली सावित्री जिंदल को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। वह काफी वरिष्ठ नेता हैं। वहीं, राई से चुनी गई विधायक कृष्णा गहलावत के नाम पर भी चर्चा है। वह जाट बिरादरी से हैं।
उधर, डा. कृष्ण लाल मिड्ढा पंजाबी समुदाय से आते हैं और तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। उनकी गिनती केंद्रीयय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के करीबियों में होती है। इसी तरह, राजेश नागर तिगांव से विधायक बने हैं। गुर्जर समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए पार्टी उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है।

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