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10 हजार करोड़ के बड़े जीएसटी घोटाले में पत्रकार महेश लांगा समेत चार लोग गिरफ्तार ,200 से अधिक फर्जी कंपनियां शामिल

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अहमदाबाद 11 अक्टूबर: अहमदाबाद में 10 हजार करोड़ के बड़े जीएसटी घोटाले का पर्दा फाश हुआ है घोटाले में देश भर की करीब 200 कंपनियों शामिल होने के संकेत है ! जिसमें अहम सूत्रधार के रूप में एक पत्रकार महेश लांगा का नाम सामने आया है विभाग ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए FIR कर तुरंत जाँच शुरू कर दी है जिसमें काफी लोगों को आरोपी बनाया गया है

जानकारी अनुसार अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा समेत चार लोगों को एक कथित जीएसटी घोटाले के आरोप में गिरफ़्तार किया है. पुलिस अधिकारियों ने ये जानकारी दी है.

घोटाले के केंद्र में कंपनियां: अरहम स्टील: निमेश वोरा, हेतलबहन वोरा ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी: राजेंद्रसिंह सरवैया, वनराजसिंह सरवैया, बृजराजसिंह सरवैया, हितवराजसिंह सरवैया श्री कनकेश्वरी एंटरप्राइज: कालूभाई वाघ, प्रफुल्लभाई वाजा, मनन वाजा, जयेशभाई वाजा, विजय वाघ राज इन्फ्रा: रत्नदीपसिंह डोडिया, जयेशकुमार सुतारिया, अरविनंद सुतारिया हरेश कंस्ट्रक्शन कंपनी: नीलेश नासित, ज्योतिष गोंडालिया, प्रभाबेन गोंडालिया डी.ए. उद्यम: लंगा मनोजकुमार रामभाई, विनूभाई नाटुभाई पटेल एथिराज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट। लिमिटेड: नीलेश नासित, ज्योतिष गोंडलिया, प्रभाबेन गोंडलिया बी.जे. ओडेदरा: भागीरथ ओडेदरा, भोजाभाई ओडेदरा, केशुभाई ओडेदरा, भोजाभाई जेसाभाई ओडेदरा, अभाभाई जेसाभाई ओडेदरा आर.एम. दासा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड: नाथाभाई दासा, रमनभाई दासा आर्यन एसोसिएट्स: अजय बराड, विजयकुमार बराड, रमेश कालाभाई बराड पृथ्वी बिल्डर्स: परेश प्रदीपभाई दोधिया परेश प्रदीपभाई डोडिया बिल्डर्स: परेश डोडिया इन व्यक्तियों पर फर्जी कर दावों को सुविधाजनक बनाने और जीएसटी भुगतान से बचने के लिए फर्जी कंपनियां बनाने का आरोप है। . अधिकारी अपनी जांच जारी रख रहे हैं, जैसे-जैसे बड़े पैमाने पर इस वित्तीय धोखाधड़ी की जांच गहरी हो रही है, और अधिक गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।

 

अहमदाबाद अपराध शाखा की सोमवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि देश भर में 200 से अधिक धोखाधड़ी से बनाई गई कंपनियां/संस्थाएं संगठित तरीके से काम कर रही हैं, जो फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाकर और उसे पारित करके सरकारी खजाने को चूना लगाने का काम कर रही हैं। धोखाधड़ी के माध्यम से कर चोरी करने के इरादे से ऐसी फर्म बनाने के लिए जाली पहचान और दस्तावेजों का उपयोग भी देखा गया है।

 

“ऐसा प्रतीत होता है कि एक बड़ा समूह देश को वित्तीय नुकसान पहुंचाने की आपराधिक साजिश में लगा हुआ है, जिसकी राशि 1,00,000 करोड़ रुपये है। इसमें यह भी लिखा है कि इससे करोड़ों रुपए का राजस्व घाटा हो सकता है। यह सब फर्जी बिलिंग, जाली दस्तावेजों और तथ्यों को गलत तरीके से पेश करके किया गया। जांच अभी जारी है और उसके अनुसार कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

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