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मुद्दे की बात : अजहरुद्दीन बनाम मनी लॉन्ड्रिंग केस

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खेल प्रेमी आहत, किस पर भरोसा करें

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कांग्रेसी नेता मो. अजहरुद्दीन एक बार संकट में हैं। देश-दुनिया के तमाम क्रिकेट-खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों के आदर्श रहे इस नामी क्रिकेटर पर इस बार मनी-लांड्रिंग मामले में शिकंजा कसने की आशंका है। ऐसे में खेलप्रेमी ही नहीं, हर कोई इस बात से आहत है कि आखिर नामी हस्तियों में किस पर भरोसा किया जाए ? जब अजहर बतौर किक्रेटर इस खेल में बड़ी पहचान रखते थे, तब उन पर मैच फिक्सिंग के इलजाम लगने से उनके ताउम्र क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लगी थी।

ED attaches assets totaling Rs. 2.6 crore of Ahsan Ahmad Mirza and Mir  Manzoor Gazanffer in JKCA funds case | ED ने अहसान मिर्जा और मीर मंजूर की  2.6 करोड़ की संपत्तिअब मंगलवार को अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के सामने पेश हुए। न्यूज एजेंसी पीटीआई के आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि संघीय एजेंसी उनसे पूछताछ करेगी और धन शोधन निवारण अधिनियम यानि पीएमएलए के तहत उनका बयान दर्ज करेगी। करीब 61 साल के हो चुके पूर्व सांसद अजहरुद्दीन को इस उम्र में ईडी का नया संकट झेलना पड़ रहा है। उन्हें पहले तीन अक्तूबर को हैदराबाद के फतेह मैदान रोड स्थित कार्यालय में एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने नई तारीख मांगी। इसलिए उन्हें आठ अक्तूबर को बुलाया गया। यह जांच हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जिसमें ईडी ने पिछले साल नवंबर में तलाशी ली थी।

सूत्रों के मुताबिक एचसीए अध्यक्ष के रूप में अजहर के कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है। पूर्व भारतीय कप्तान की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जिन्होंने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में असफलता हासिल की थी। पिछले साल तेलंगाना पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ लगाए आरोप झूठे और साजिशन थे। यह उनकी प्रतिष्ठा को बर्बाद करने के लिए उनके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा किया सिर्फ एक स्टंट था। धन-शोधन का यह मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा एचसीए के 20 करोड़ रुपये के कथित आपराधिक दुरुपयोग के संबंध में दर्ज की गईं तीन प्राथमिकी और आरोपपत्रों से संबंधित है। ईडी ने कहा था कि पिछले साल की गई छापेमारी में डिजिटल डिवाइस, ‘अपराध साबित करने वाले’ दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये जब्त किए गए थे। जो रुपये जब्त किए गए उसके लेनदेन के बारे में कोई हिसाब नहीं था।

यहां बता दें कि अजहरुद्दीन ने 2009 में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से जीत के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी  के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। अजह ने भारत के लिए क्रिकेट खेलते बड़ा योगदान दिया था। उन्होंने 99 टेस्ट और 334 वनडे खेले थे। उनके नाम टेस्ट में 45.04 की औसत से 6215 रन और वनडे में 36.92 की औसत से 9378 रन हैं। टेस्ट में उन्होंने 22 शतक और 21 अर्धशतक, जबकि वनडे में सात शतक और 58 अर्धशतक लगाए। इसके अलावा वनडे में अजहरुद्दीन ने 12 विकेट भी लिए हैं। टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 199 रन और वनडे में 153 रन रहा है। अजहरुद्दीन ने 1992, 1996 और 1999, तीन वनडे विश्व कप में टीम इंडिया की कप्तानी भी की है।

करियर के अंतिम दौर में साल 2000 में अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था। तब दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोन्ये ने मैच फिक्सिंग को लेकर अपने कबूलनामे में संकेत दिया था कि अजहरुद्दीन ने उन्हें कुछ सट्टेबाजों से मिलवाया था। भारत की प्रमुख जांच एजेंसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने जांच की और विश्व क्रिकेट की स्थिति पर एक निराशाजनक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें प्रमुख भारतीय क्रिकेटरों के नाम शामिल था। इनमें अजहर का नाम शीर्ष पर था। बेगुनाही की दलील देने के बावजूद बीसीसीआई ने साल 2000 में उनके जीवन भर के लिए क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित कर दिया था। फिर वह 19 फरवरी, 2009 को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे और राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। अब उनके सियासी-करियर के दौरान यह ईडी वाला बड़ा संकट आने से राजनीतिक-हल्कों में भी हलचल होना लाजिमी है।

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