बढ़ती मंहगाई में पत्रकारों की पेंशन 25 हजार की जाए : पवन आश्री

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20 वर्ष का अनुभव (किसी भी अखबार का) रखने वाले सभी पत्रकारों को पेंशन दी जाए।

कहा : आपसी भेदभाव छोड़ सरकार के समक्ष अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखना होगा

भारतीय पत्रकार कल्याण मंच (रजि.) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हुई वर्चुअल बैठक

 

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 06 Oct  : भारतीय पत्रकार कल्याण मंच (रजि.) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन आश्री की अध्यक्षता में हुई, जिसमें हरियाणा सहित देश के विभिन्न राज्यों में कार्यरत पत्रकारों की समस्याओं और मांगों पर गहन मंथन किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हरियाणा के पत्रकारो की पिछले काफी समय से लंबित मांगों को प्रभावी ढंग से नवनिर्वाचित सरकार के समक्ष रखा जाए। इस बैठक में मंच के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष जसबीर सिंह दुग्गल ने बताया कि ताउम्र सरकार की नीतियों और योजनाओं की कवरेज और कोरोना जैसी गंभीर विपदा में अपनी व परिवार की जान जोखिम में डाल कर कवरेज करने वाले मीडिया पर्सन्स आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा करने के बावजूद पत्रकारों को हरियाणा सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर कैशलैस चिकित्सा सुविधा नहीं मिली है, इसलिए कैशलेस कार्ड शीघ्र जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई के मद्देनजर पत्रकारों की पेंशन कम से कम 25 हजार रुपए मासिक और पेंशन धारकों की उम्र 60 वर्ष से घटा कर 55 वर्ष की जानी चाहिए। मंच के राष्ट्रीय महासचिव मेवा सिंह राणा ने कहा कि हुडा व हाउसिंग बोर्ड के प्लाटस व मकानों की खरीद में पत्रकारों के लिए कम से कम 10 प्रतिशत कोटा आरक्षित किया जाए, हिमाचल सरकार की तर्ज पर सरकारी पर्यटन विभाग के समस्त रेस्टोरेंट्स व विश्रामगृह में सभी प्रकार की खाद्य सामग्री में 25 प्रतिशत रिबेट दी जाए। मंच के राष्ट्रीय सचिव सतनाम सिंह ने कहा कि पत्रकारों की मान्यता के नियमों का सरलीकरण किया जाए, हरियाणा एक्रीडेशन कमेटी का शीध्र गठन किया जाए, पत्रकारों का हर वर्ष न्यूनतम 25 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा व इतनी ही राशि का मेडिक्लेम दिया जाए। इसके अलावा देश व समाज हित मे सकारात्मक पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के उत्साहवर्धन के लिए कम से कम एक लाख, 50 हजार व 25 हजार रुपये के वार्षिक पुरस्कार प्रदान करने चाहिए। मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरीश मदान ने कहा कि सांसदों, मंत्रियों व विधायकों की तर्ज पर कवरेज पर जा रहे पत्रकारों के वाहनों को भी देशभर के टोल बैरियर पर टैक्स फ्री किया जाए। इसके अलावा पेंशन के लिए पत्रकारिता का अनुभव 20 वर्ष की बजाए 10 वर्ष किया जाए और हरियाणा रोडवेज की बसों में यात्रा की तय की गई वार्षिक अवधि की शर्त को हटाया जाए। मंच के प्रवक्ता तरुण वधवा ने कहा कि सांघ्य, दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक छपने वाले मध्यम, लघु व स्थानीय समाचार पत्रों, टीवी व डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को प्रेस मान्यता कार्ड पहले की तरह सीए रिपोर्ट के आधार पर प्रदान करने चाहिए। बैठक में शामिल हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों और साथियों का आभार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन आश्री ने कहा कि मीडिया पर्सन्स को यदि वास्तव में भारत व प्रादेशिक सरकारों से अपनी समस्याओं का समाधान और अपनी मांगों को गंभीरता से मनवाना है, तो उन्हें आपसी भेदभाव भुला कर एकजुट होकर सरकारों के समक्ष अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखना होगा। इतना ही नहीं, अपनी मांगों की पूर्ति के लिए यदि संघर्ष का रास्ता भी अपनाना पड़े, तो गुरेज नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारतीय पत्रकार कल्याण मंच ने सदैव ही पत्रकारो के हित में आवाज बुलंद की है, जो भविष्य में भी जारी रहेगी।