चंडीगढ /यूटर्न/4 अक्तूबर: पंजाब में साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड आईएएस अफसर को अपना शिकार बनाया है। ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर अफसर को डिजिटली अरेस्ट करने का ड्रामा रचा और 76 लाख रुपये ठग लिए। यह घटना अमृतसर की है और पीडि़त अफसर का नाम हरजिंदर सिंह चहल है। स्टेट साइबर क्राइम सेल ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है। घटना 3 और 4 सितंबर की है जब चहल को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच के कथित अधिकारियों के फ़ोन आए। चहल को बताया गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सामने आया है और बॉबे हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ समन जारी किया है। ठगों ने चहल को झांसे में लेकर कहा कि अगर वो उनकी बात मानेंगे तो वो इस मामले से उनका नाम हटा सकते हैं। डरे हुए चहल ने ठगों की बातों में आकर उनकी सारी बातें मान लीं।
अलग-अलग खातों में पैसे जमा करने को कहा
ठगों ने अलग-अलग बैंकों के खाते बताए और चहल को उनके कहने पर उन खातों में पैसे जमा करने को कहा। ठगों ने कहा कि ऐसा करने से वो चहल के बैंक खातों की जांच करेंगे और पैसे वेरीफाई करने के बाद उन्हें आरोपों से मुक्त कर देंगे। चहल ने ठगों के बताये गए खातों में अपने तीन बैंक खातों से कुल 76 लाख रुपये जमा कर दिए। 6 सितंबर को चहल को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने अमृतसर पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करवाई।
मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच के नाम से आया फोन
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि मुझे 3 और 4 सितंबर को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच से फोन आया था। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं एक ऐसे अपराधी के साथ मिलकर काम कर रहा हूँ जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। उन्होंने मुझे बताया कि बॉबे हाईकोर्ट ने मेरे नाम पर समन जारी किया है। उन्होंने मुझसे वादा किया था कि अगर मैं उनके कहे अनुसार सब कुछ करूंगा तो वे इस मामले से मेरा नाम हटाने में मेरी मदद करेंगे।
76 लाख रुपये जमा करवाए
उन्होंने कहा कि मैं कॉलर द्वारा इस कदर समोहित हो गया था कि मैंने उसके निर्देशों का पालन करना शुरू कर दिया। उसने मुझे अलग-अलग बैंकों के पते दिए और अलग-अलग रकम जमा करने को कहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कॉलर के निर्देशानुसार एक-एक करके अपने तीन बैंक खातों में जमा अलग-अलग रकम जमा कर दी। धोखाधड़ी की कुल राशि 76 लाख रुपये हो गई है।
साइबर सेल ने दर्ज किया मामला
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए फेज 4 में राज्य साइबर सेल ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(2) (जबरन वसूली), 318(4) (धोखाधड़ी), 319(2) (रूप धारण करके धोखाधड़ी), 61(2) (आपराधिक साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-ए और 66-सी के तहत कथित बैंक खातों, व्हाट्सएप खाता संखया और मोबाइल नंबरों के अज्ञात उपयोगकर्ताओं/संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
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फर्जी क्राइम ब्रांच, फेक नोटिस… साइबर ठगों ने पंजाब के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर 76 लाख ठगे
Kulwant Singh
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