हरियाना /यूटर्न/3 अक्तूबर: 2021 में हुए किसान आंदोलन के दौरान राजनीति गलियारों की सुर्खियां बना ट्रैक्टर हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी दलों के लिए प्रचार का प्रमुख साधन बन गया है। आधुनिक समय में जहां चुनाव प्रचार के नए-नए तरीके इजाद हुए हैं, वहीं नेताओं ने ग्रामीण मतदाताओं के बीच अपनी इमेज को मजबूत करने के लिए ट्रैक्टर ही नहीं, ऊंट और बैलगाडिय़ों का भी जमकर सहारा ले रहे हैं। शायद ट्रैक्टरों पर सवार होकर नेता खुद को आम आदमी जैसा ही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार हरियाणा के चुनावी रण में उतरे सभी राजनीतिक दलों के टॉप एजेंडे पर किसान और ग्रामीण हैं। इस चलते इन दो वर्गों को लुभाने के लिए ट्रैक्टर और पारंपरिक साधनों की भूमिका अहम हो गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कई बार प्रचार के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर चुके हैं। यही नहीं दक्षिण हरियाणा में प्रचार के लिए गए दुष्यंत चौटाला ने तो वहां के मतदाताओं को लुभाने के लिए ऊंट पर सवार होकर भी प्रचार किया।
सीएम नायब सैनी भी ट्रैक्टर पर कर चुके हैं प्रचार
कार्यवाहक मुखयमंत्री नायब सैनी भी प्रचार के दौरान कई बार ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर चुके हैं। इससे एक कदम आगे जाते हुए सैनी तो बैलगाड़ी की सवारी भी कर चुके हैं। एक शहीद के घर जाते समय बैलगाड़ी की सवारी को लेकर सैनी ट्रोल भी हो चुके हैं।
हुड्डा जब ट्रैक्टर में पहुंचे विधानसभा
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा चंडीगढ़ में पूर्व मनोहर सरकार के खिलाफ रोष मार्च करते हुए ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे थे। कृषि कानूनों के विरोध में आईएनएलडी विधायक अभय चौटाला इस्तीफा देने ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचे तो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बने। हरियाणा में नेताओं का तर्क है कि 65 फीसदी मतदाता ग्रामीण अंचल में हैं। खुद को उनके जैसा दिखाने के लिए ट्रैक्टर से आसान साधन कोई नहीं हो सकता।
ट्रैक्टर से किसानों की भावनाएं जुड़ी
हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सतीश त्यागी के अनुसार ट्रैक्टर से किसानों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। बहुत से किसान ऐसे हैं जो कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदते हैं और खेती करते हैं। हरियाणा में कुछ समय पहले तक कुछ हिस्सों में ट्रैक्टरों पर बरात भी जाती थी। यह खेतीहर व्यक्तियों की पहचान बन चुका है। किसान ट्रैक्टर को बहादुरी और शक्ति का प्रतीक मानते हैं। गांव में जिस किसान के पास ट्रैक्टर है, उसे मजबूत माना जाता है। नेता ग्रामीणों अथवा किसानों की इसी भावना का फायदा उठाकर चुनावी सीजन में ट्रैक्टर के माध्यम से उनके साथ अपनी निकटता दिखाते हैं।
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हरियाणा चुनावों में नेताओं ने खूब दौड़ाया ट्रैक्टर? जानें कौन-कौन हुआ सवार
Kulwant Singh
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