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पराली जलाने से रोकने को पुलिस-प्रशासन को मैदान में उतारा मान सरकार ने

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लुधियाना में भी डीसी और एसएसपी ने जागरुकता अभियान की कमान खुद संभाली

लुधियाना 2 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पराली जलाने के मामले को लेकर पंजाब सरकार अलर्ट-मोड पर है। सरकार की हिदायत पर किसानों को आगाह करने के लिए जिले में पुलिस-प्रशासन के मुखिया तक मैदान में उतार दिए हैं।

गौरतलब है कि डिप्टी कमिश्नर जितेंदर जोरवाल और लुधियाना देहात के एसएसपी नवनीत सिंह बैंस ने जिले के कई गांवों का दौरा किया। इस दौरान दोनों आला अफसरों ने किसानों से बात की और पर्यावरण को बचाने को पंजाब सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। ताकि पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों से पर्यावरण को बचाया जा सके।

इस दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और पीपीसीबी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी डीसी और एसएसपी के साथ मौजूद रहे। इस प्रशासनिक टीम ने हंस कलां, चकर, माणुके, ​​डल्ला, लक्खा, अखाड़ा, काउंके कलां, पब्बियां, रूमी, कमालपुरा, रसूलपुर, मल्लान जैसे गांवों के किसानों के साथ बातचीत की। उन्होंने पराली जलाने से रोकने के तरीकों पर चर्चा कर किसानों से फसल अवशेष प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खेतों को जलाने से न केवल पर्यावरणीय खतरा पैदा होता है, बल्कि आवश्यक पोषक तत्व नष्ट होकर मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है। डीसी जोरवाल ने यह भी बताया कि जिला प्रशासन खेतों में आग लगने की घटनाओं पर कड़ी नजर रख रहा है। जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई कर रहा है। प्रशासन ने इस सीज़न में लगभग 16.53 लाख मीट्रिक टन धान की पराली का प्रबंधन करने की योजना बनाई है। जिसमें एक महत्वपूर्ण हिस्से को इन-सीटू और एक्स-सीटू तरीकों से प्रबंधित किया जाएगा। डीसी ने कहा कि वह आने वाले दिनों में और अधिक गांवों का दौरा करेंगे। डीसी जोरवाल और एसएसपी बैंस ने उन किसानों के प्रयासों को सराहनीय बताया, जिन्होंने पराली जलाना छोड़ दिया है।

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