श्री ब्राह्मण सभा चंडीगढ़ द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का भव्य आयोजन

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

चंडीगढ़ 01 Oct :  भगवान परशुराम भवन सेक्टर-37 श्री देवालय पूजक परिषद एवं श्री ब्राह्मण सभा चंडीगढ़ द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का भव्य आयोजन किया गया जिसमें कथा व्यास आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री जी ने बताया कि काम, क्रोध और लोभ ये तीनों ही नरक के द्वार हैं। कामी क्रोधी लोभी व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठा नहीं पाते। कामक्रोधादि असुर जब तक जीव के अंदर हैं, तब तक भगवान व भक्ति के बारे में विचार भी नहीं होता। संत कहते हैं, कामी, क्रोधी, लालची इनसे भक्ति न होई।

इन तीनों बुराइयों से छुटकारा पाने के लिए सत्संग व कथा का आश्रय लेना चाहिए। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने और श्री रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने इन तीनों को नरक के द्वार बताया है। जिसमें समस्त ब्राह्मण सभा की ओर से भाजपा से गौरव कश्यप को ब्राह्मण सभा के सभी सदस्यों ने सम्मानित किया जिसमें ब्राह्मण सभा चण्डीगढ़ के सभी सदस्य के प्रधान यश पाल तिवारी, डॉ लाल बहादुर शास्त्री पंडित ओम प्रकाश, पंडित देवी प्रसाद, पंडित प्रकाश जोशी, पंडित जय प्रकाश सेमवाल एवं परिषद के अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। एव साथी गण मौजूद रहे और सभी ने श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आशीर्वाद प्राप्त किया।

23,015 लोगों को निकाला गया, 123 राहत शिविरों में 5,416 लोगों को शरण दी गई: हरदीप सिंह मुंडियन *बाढ़ प्रभाव अपडेट: तीन और लोगों की जान गई, प्रभावित जनसंख्या बढ़कर 3.87 लाख से अधिक हुई *फसल का नुकसान 1.84 लाख हेक्टेयर से अधिक पहुंचा*

नदियों के लिए बाढ़ के मैदानों को छोड़ना ज़रूरी है – संत सीचेवाल *प्रकृति के करीब रहने से ही मिलेगी बाढ़ से राहत *पंजाब को 900 किलोमीटर मिट्टी के तटबंधों को मजबूत करने की जरूरत है* प्रत्येक ट्यूबवेल पर पांच पेड़ लगाने से 70 लाख नए पौधे जुड़ेंगे*

23,015 लोगों को निकाला गया, 123 राहत शिविरों में 5,416 लोगों को शरण दी गई: हरदीप सिंह मुंडियन *बाढ़ प्रभाव अपडेट: तीन और लोगों की जान गई, प्रभावित जनसंख्या बढ़कर 3.87 लाख से अधिक हुई *फसल का नुकसान 1.84 लाख हेक्टेयर से अधिक पहुंचा*

नदियों के लिए बाढ़ के मैदानों को छोड़ना ज़रूरी है – संत सीचेवाल *प्रकृति के करीब रहने से ही मिलेगी बाढ़ से राहत *पंजाब को 900 किलोमीटर मिट्टी के तटबंधों को मजबूत करने की जरूरत है* प्रत्येक ट्यूबवेल पर पांच पेड़ लगाने से 70 लाख नए पौधे जुड़ेंगे*