पुलिस कस्टडी में गैंगस्टरों के इंटरव्यू कराने वाले इंस्पेक्टर का सरकार ने किया सेवा विस्तार
पंजाब 30 सितंबर। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस के एक अधिकारी की खरड़ सीआईए स्टाफ में नियुक्ति और सेवा विस्तार पर सवाल उठाए हैं, जहां कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का विवादास्पद इंटरव्यू हुआ था। कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा है कि रिटायर्ड हो चुके अधिकारी इंस्पेक्टर शिव कुमार को क्यों सेवा में विस्तार देकर उसी पद पर रखा, जहां इस तरह की गतिविधियां हो रही थीं। कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिक्स क्यूरी एडवोकेट तनु बेदी ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि बिश्नोई को लंबे समय तक सीआईए स्टाफ, खरड़ में रखा गया और बार-बार रिमांड लेकर उसे वहीं बनाए रखा गया। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या उसे जानबूझकर बाहरी दबाव के कारण वहां रखा गया था या फिर जांच के लिए उसकी उपस्थिति वास्तव में आवश्यक थी। वहीं जयपुर की जेल में हुए लॉरेंस के दूसरे इंटरव्यू के कारण राजस्थान सरकार को भी अफसरों पर लिए एक्शन संबंधी जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है।
सेवानिवृत्ति के बाद भी तैनाती पर सवाल
जस्टिस अनुपिंद्र सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपिता बनर्जी की बेंच ने इस बात पर गंभीर सवाल उठाए कि इंस्पेक्टर शिव कुमार, जो वर्ष 2023 में सेवानिवृत्त हो चुके थे, उन्हें क्यों सेवा विस्तार देकर जनवरी 2024 तक उसी पद पर तैनात रखा। कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और राज्य सरकार को इस पर स्पष्ट जवाब देना होगा कि सेवानिवृत्ति के बाद भी इंस्पेक्टर शिव को सीआईए स्टाफ खरड़ में क्यों रखा गया।
पंजाब सरकार को हलफनामा दाखिल करने के आदेश
एडवोकेट जनरल (एजी) पंजाब ने कोर्ट को बताया कि जिला एस.ए.एस. नगर के तत्कालीन एसएसपी सहित चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। साथ ही, जेल में सुरक्षा के लिए जैमर, एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे, बॉडी वॉर्न कैमरे, एक्स-रे बैगेज स्कैनर और जेल कैदी कॉलिंग सिस्टम जैसी सुविधाओं की प्रगति पर भी रिपोर्ट दी गई।