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लुधियाना इलेक्ट्रोप्लेटर्स एसोसिएशन ने कहा डाइंग इंडस्ट्रीज के आरोप निराधार-निंदनीय

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एसोसिएशन ने डाइंग इंडस्ट्री पर संगीन आरोप लगाते पलटवार करने के साथ चेतावनी भी दी

लुधियाना 29 सितंबर। डाइंग इंडस्ट्री की ओर इलेक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री पर प्रदूषण फैलाने के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। लुधियाना इलेक्ट्रोप्लेटर्स एसोसिएशन ने इस मामले में डाइंग इंडस्ट्रीज के आरोपों को निराधार बताते कड़ी निंदा की है।

एसोसिएशन के प्रधान चंद्र प्रकाश सभरवाल, उप प्रधान राजन गुप्ता व महासचिव अशोक कुमार गुप्ता ने इस बाबत संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई स्थानों से पानी के नमूने लेने के बाद अपनी अगस्त-2024 जल विश्लेषण रिपोर्ट जारी की। जिससे साबित हो गया कि भारी धातुएं, विशेषकर निकल-क्रोम, पता लगाने योग्य स्तरों से नीचे हैं। यह दर्शाता है कि इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग सीवर या पुराने नाले में किसी भी अपशिष्ट नहीं डालता। इसकी बजाए अपने अपशिष्टों को फेज आठ, फोकल प्वाइंट स्थित सीईटीपी में भेजता है।

दूसरे नवीनतम जल विश्लेषण रिपोर्टों ने साबित किया कि डाइंग इंडस्ट्री बुड्‌ढे नाले को प्रदूषित कर रही हैं। डाइंगों द्वारा संचालित बहिस्त्राव शोधन संयंत्र सीपीसीबी और पीपीसीबी द्वारा अधिरोपित दिशा-निर्देशों व शर्तों के अनुसार कार्य नहीं कर रहीं। यह अहम है कि अधिकांश इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां छोटे-सूक्ष्म क्षेत्रों में काम करती हैं, जो 100 से 250 वर्ग गज तक के भूखंडों पर हैं। इन इकाइयों को नियमों के अनुपालन में नगर निगम के माध्यम से जलापूर्ति करते हैं। इसके उलट रंगाई उद्योग, जो बड़े एकड़ भूमि पर काम करते हैं। भारी पनडुब्बी पंपों का उपयोग कर पानी खींचते हैं, अक्सर प्रति यूनिट एक से अधिक पंप के साथ। उनकी पानी की खपत भूजल तालिका को काफी कम कर देती है, इन इकाइयों से दैनिक निर्वहन सैकड़ों हजारों लीटर तक पहुंच जाता है।

इसके अलावा, रंगाई उद्योग अनुशंसित ईंधन और अपर्याप्त उपकरणों का उपयोग ना करके शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक को खराब कर रहा है। सीईटीपी गए आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के साथ रंगाई उद्योग के मालिकों/प्रतिनिधियों के दौरे को इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग के प्रतिनिधियों ने नहीं सराहा है। यह लुधियाना के साथ पूरे पंजाब के उद्योग के लिए भी अच्छे संकेत नहीं हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मांग की कि रंगाई इकाइयों और रंगाई संघों द्वारा संचालित रंगाई उद्योगों के तीन सामान्य प्रवाह उपचार संयंत्रों के कामकाज की सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही रंगाई उद्योग के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग के खिलाफ झूठे और निराधार आरोप लगाने से बचें, ऐसा ना करने पर नतीजे भुगतने को तैयार रहें।

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