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सियासी दंगल में भाजपा-कांग्रेसियों से जनता मांग रही हिसाब,जगह जगह विरोध

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हरियाना /यूटर्न/27 सितंबर: विधानसभा चुनाव प्रचार में नौकरियों और दलित उत्पीडऩ जैसे मुद्दों के बीच जनता अपने हिसाब-किताब के साथ खड़ी है। स्थिति यह है कि हलका स्तर पर प्रत्याशियों से पुराने वोट को लेकर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। प्रदेश में चुनाव प्रचार शुरू होने से लेकर अब तक करीब डेढ़ दर्जन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें लोगों ने प्रत्याशियों से उनके पिछले कार्यकाल के दौरान किए वादों पर सार्वजनिक सभाओं में हिसाब मांगा। हिसाब नहीं देने पर प्रत्याशियों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें बीजेपी और कांग्रेस के ज्यादा हैं।
कृष्ण बेदी, नरवाना- जींद जिले की नरवाना सीट से बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण बेदी चुनाव प्रचार के लिए गांव कर्मगढ़ गए थे। वहां मौजूद लोगों ने उनसे सवाल किए और जवाब मांगा। लोगों ने बीजेपी प्रत्याशी से पूछा कि किसान आंदोलन में उन्होंने समर्थन में कोई बात क्यों नहीं की? पार्टी से इस्तीफा क्यों नहीं दिया? इससे पहले गांव भिखेवाला में भी युवाओं ने बेदी को घेरकर नौकरियों पर जवाब मांगा। इस दौरान बेदी के समर्थकों और ग्रामीणों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
अभय सिंह यादव, नांगल चौधरी -नायब सरकार में राज्य मंत्री रहे नांगल चौधरी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अभय सिंह यादव का अहीर बाहुल्य कोरियावास गांव में विरोध हुआ। यहां कुछ युवाओं ने उनसे सवाल पूछे। युवक प्रदीप ने कहा कि आपने किया क्या है, फिर वोट क्यों दें? पूर्व मुखयमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुखयमंत्री नायब सिंह सैनी भर्तियों को रोक कर बैठ गए, जिसके कारण युवा परेशान हैं। युवक ने कहा कि 10 साल जो हालात महेंद्रगढ़ के थे, वही आज भी हैं। यहां मंत्री को माइक नहीं दिया गया।
सुनीता दुग्गल, रतिया – फतेहाबाद के रतिया से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को गांव भूथन कलां में किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। किसानों ने दुग्गल पर सांसद होते हुए उनकी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया।
देवेंद्र बबली, टोहाना -टोहाना विधानसभा के गांव चंद्रावल में बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली की जनसभा में जमकर हंगामा हो चुका है। किसानों ने गांव की समस्याओं और पुरानी मांगों पर बबली से रिपोर्ट मांगी। ग्रामीणों ने पुराने मांग पत्र भी दिखाए जो बबली को विकास एवं पंचायत मंत्री रहते हुए दिए गए थे। गांव चंद्रावल में तो बबली को अपनी घोषणाएं पूरी नहीं होने पर माफी तक मांगनी पड़ी।
कप्तान बिरधाना, झज्जर-झज्जर से बीजेपी प्रत्याशी कप्तान बिरधाना जब विकास की बात कर रहे थे तो गांव लडायन में लोग उन्हें जनसभा से उठाकर ले गए। लोगों ने उन्हें गांव की उन गलियों में उतारा, जहां बारिश का पानी जमा था। पूर्व मुखयमंत्री मनोहर लाल के हिसार कार्यक्रम का विडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक यहां से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के हारने का दावा करता है। मनोहर लाल के सुरक्षाकर्मी उसे सभा से बाहर निकाल देते हैं।
रामनिवास राड़ा, हिसार- हिसार से कांग्रेस उंमीदवार रामनिवास राड़ा का सैनी समाज और सैनी न्याय संघर्ष समिति की ओर से एक ट्रस्ट के मुद्दे पर विरोध किया जा रहा है। कालका से पूर्व कांग्रेस विधायक और वर्तमान प्रत्याशी प्रदीप चौधरी का अवैध खनन और सडक़ निर्माण नहीं होने पर ग्रामीणों ने विरोध किया और जवाब मांगा।
राम निवास घोड़ेला, बरवाला-पूर्व मुखय संसदीय सचिव और बरवाला से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला को जनसभा के दौरान उस समय विरोध का सामना करना पड़ा जब एक व्यक्ति मंच पर चढ़ गया और कहा कि हुड्डा सरकार में वादे के बावजूद उनके गांव से किसी भी युवक को नौकरी नहीं मिली है। इस पर घोड़ला ने समूचे गांव से माफी मांगी।
अनूप धानक, उकलाना-जननायक जनता पार्टी के कोटे से मंत्री रहे अनूप धानक इस समय बीजेपी के टिकट पर उकलाना से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वे 2014 और 2019 में भी यहां से विधायक रह चुके हैं। गांव श्याम सुख में तो ग्रामीणों ने अनूप से 10 साल का रिपोर्ट कार्ड मांगा और नहीं देने पर उनकी हार को लेकर शर्त तक लगा दी।
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