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पंजाब में बढ़ रही ‘साइलेंट किलर’ बतौर हाइपरटेंशन बीमारी : डॉ. बिशव मोहन

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इस समस्या को पूरी गंभीरता से लेने की जरुरत पर जोर दिया सांसद अरोड़ा ने

लुधियाना 26 सितंबर। औद्योगिक श्रमिकों में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इंडिया ह्यपरटेनशन कंट्रोल इनिशिएटिव के परिणामों और रणनीतियों व ईएसआईसी की भूमिका की समीक्षा की गई। इसके लिए हीरो डीएमसी-हार्ट इंस्टीट्यूट के डुमरा ऑडिटोरियम में बैठक हुई।

जिसमें डीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ.जीएस वांडर, डॉ. बिशव मोहन, डॉ. भैरवी देशमुख (मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट ईएसआईसी अस्पताल, लुधियाना), ईएसआईसी के डिप्टी डायरेक्टर प्रणेश सिन्हा, डब्ल्यूएचओ पंजाब से डॉ. नवनीत और डॉ.मनीष ठाकुर, आईसीएमआर मुख्यालय से वैज्ञानिक  डॉ.मीनाक्षी शर्मा, पंकज शर्मा (पीपीसीबी सदस्य), ईएसआईसी लुधियाना से डॉ. रविंदर सिंह और डॉ. रछपाल सिंह, डॉ. संदीप गिल, राज्य कार्यक्रम अधिकारी एनपी-एनसीडी पंजाब, डॉ. नवनीत किशोर, राज्य सलाहकार सीवीएचओ, पंजाब और प्रमुख उद्योगपति युवराज अरोड़ा ऑक्टेव, अमित थापर गंगा एक्रोवूल्स, नीरज जैन वर्धमान समूह और लोकेश जैन टीके स्टील्स शामिल थे।

डॉ बिशव मोहन ने कहा कि आईसीएमआर द्वारा आईएचसीआई प्रोजेक्ट पिछले दो वर्षों से लुधियाना जिले में चल रहा है। दूसरे चरण में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इस परियोजना के कार्यान्वयन में उद्योग को शामिल किया। परिणाम बहुत उत्साहजनक हैं और उच्च रक्तचाप पर 8% से 45% तक नियंत्रण दिखाया गया है।

उन्होंने कहा कि बैठक राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा, आईसीएमआर के विशेषज्ञ समूह और हितधारकों के प्रयास से हुई। इसके परिणामों पर ईएसआईसी टीम से चर्चा होनी चाहिए। ताकि इस परियोजना को आगे बढ़ाया जा सके। डॉ. बिशव मोहन ने कहा कि उच्च रक्तचाप एक साइलेंट किलर है, जिसे गंभीरता से लिया जाए। 18 वर्ष की आयु के बाद नियमित रक्तचाप जांच होनी चाहिए। सांसद अरोड़ा ने कहा कि पिछले दो वर्षों के परिणामों की समीक्षा के बाद परियोजना का महत्व और बढ़ गया है। यह बात सामने आई है कि उम्र और लिंग के बावजूद अधिकांश लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं। इसे गंभीरता से लेने की जरुरत है। ईएसआईसी अस्पताल श्रमिकों और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाएगा।

अरोड़ा ने कहा कि पिछले दो वर्षों के परिणामों से पता चला है कि कुल जांच किए गए लोगों में से एक उच्च प्रतिशत, विशेष रूप से औद्योगिक श्रमिक, उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासियों को पंजाब में रहने के 3 साल के भीतर उच्च रक्तचाप की समस्या का सामना करना पड़ता है। आसानी से कल्पना कर सकते हैंकि पंजाब के स्थायी निवासियों की स्थिति क्या होगी।

उल्लेखनीय है कि अरोड़ा, संसद द्वारा गठित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य और डीएमसी एंड एच मैनेजिंग सोसाइटी के उपाध्यक्ष हैं। अरोड़ा ने हितधारकों से परियोजना की सफलता के लिए औद्योगिक श्रमिकों का अधिकतम डेटा एकत्र करने के लिए औद्योगिक इकाइयों में अधिक से अधिक संख्या में ओपीडी खोलने को कहा।

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