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सैलरी से नहीं होता गुजारा? हरियाणा के दो अधिकारियों ने बेच दिया जमीर, दो लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफतार

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हरियाना /यूटर्न/25 सितंबर: हरियाणा के सोनीपत जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। टीम ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के दो अधिकारियों को गिरफतार किया है। दोनों अधिकारियों को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने सेक्टर-15 से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सहायक आयुक्त और प्रवर्तन अधिकारी को दो लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफतार किया है। आरोपियों के खिलाफ सोनीपत के सेक्टर-23 निवासी अधिवक्ता ने शिकायत दी थी। आरोप है कि निजी स्कूल की पीएफ संबंधी शिकायत को निपटाने के नाम पर रिश्वत मांगी गई थी।
जानकारी के अनुसार अधिवक्ता मोहित ने एसीबी सोनीपत की टीम को बताया कि ईपीएफओ में कार्यरत प्रवर्तन अधिकारी मुकेश खंडेलवाल तथा पीएफ विभाग के सहायक आयुक्त निलांजन गुप्ता ने दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की है। उन्होंने बताया कि उनके मुव्वकिल के विद्यालय के पीएफ संबंधी शिकायत का निपटारा करने के बदले में दो लाख रुपये की रिश्वत की मांग की है। उनसे पहले 15 लाख रुपये की मांग की थी। बाद में दो लाख रुपये में सौदा हुआ था। उनके खिलाफ रोहतक के एंटी करप्शन ब्यूरो में मुकदमा दर्ज किया था। जिसके बाद उनके मुव्वकिल की तरफ से वह रुपये लेकर गए थे। एसीबी के इंस्पेक्टर फतेह सिंह, एएसआई मंदीप व अन्य भी वहां पर जाल बिछाकर खड़े थे। जब उन्होंने रिश्वत की राशि थमाई तो टीम ने दोनों आरोपियों को काबू कर लिया। टीम ने दोनों आरोपियों का मेडिकल कराया। उन्हें आज को अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले की जानकारी देते हुए एसीबी इंस्पेक्टर फतेह सिंह बताया कि ईपीएफओ में तैनात प्रवर्तन अधिकारी मुकेश और सहायक आयुक्त निलंजन को दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार किया गया है, दोनो एक स्कूल के पीएफ संबंधित मामले को निपटाने के रिश्वत की मांग की थी , मामले की गंभीरता से जांच करते हुए यह कार्रवाई की गई है।
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