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पटियाला : लॉ-यूनिवर्सिटी में बवाल, बिना नोटिस गर्ल्स हॉस्टल में वीसी के जाने का हो गया विरोध

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स्टूडेंट के धरने के बाद राजीव गांधी नेशनल लॉ-यूनिवर्सिटी अगले आदेशों तक की बंद

पटियाला 24 सितंबर। यहां गांव सिद्धूवाल स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में बवाल मचा है। दरअसल छात्राओं ने अपने हॉस्टल में बिना नोटिस दिए वीसी के आने और कमरों में चैकिंग व ड्रेस को लेकर कमेंट करने पर विरोध शुरु कर दिया था। स्टूडेंट्स के धरना-प्रदर्शन करने के बाद यूनिवर्सिटी को प्रशासन ने अगले आदेशों तक बंद कर दिया है।

यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के मुताबिक विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। जारी आदेश में सभी स्टूडेंट्स को अपने घरों को जाने के लिए कह दिया। दरअसल कॉलेज में छात्राएं प्रदर्शन कर रही हैं। आंदोलनकारी छात्राओं का आरोप है कि बिना नोटिस के वीसी जय शंकर सिंह के हास्टल में आकर छात्राओं के कमरे चेक किए हैं। उनके कपड़ों पर टिप्पणी की, जिसे सहन नहीं किया जा सकता है। यह छात्राओं की निजता पर हमला है।

आंदोलनकारी छात्राएं वीसी के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। उनका अल्टीमेटम है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, आंदोलन जारी रहेगा। सोमवार को सारा दिन वीसी निवास के बाहर छात्राएं धरने पर बैठी रहीं और नारेबाजी भी की। बाद में छात्राओं व यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच बैठक बेनतीजा रही।

ऐसे हो गया हंगामा : आंदोलनकारी छात्राओं के मुताबिक रविवार को बिना नोटिस के वीसी हास्टल में आए और फिर बारी-बारी से लड़कियों के कमरों की चेकिंग करने लगे। इस दौरान वीसी ने लड़कियों के कपड़ों को लेकर एतराज जताते कहा कि छोटे कपड़े क्यों पहने हैं। वीसी आंदोलनकारी छात्राओं से बात करनेपहुंचे, लेकिन इस दौरान छात्राओं की मांगों पर बातचीत नहीं की। छात्राओं का कहना है कि वीसी मुद्दे पर नहीं आ रहे हैं। छात्राएं उनके लिए पोती के समान है, ऐसा कहने से कुछ नहीं होगा। लड़कियों के हास्टल में उनके अभिभावक तक नहीं आ सकते तो वीसी बिना नोटिस के कैसे आए।

वीसी का पक्ष : वीसी जय शंकर सिंह का कहना है कि हास्टल में क्षमता से अधिक लड़कियों के रखे जाने संबंधी शिकायतें मिल रही थी, जिसकी जांच के लिए वह गए थे। उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह सरासर गलत हैं। यूनिवर्सिटी की पीआरओ इशिता शर्मा के मुताबिक यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से लगातार आंदोलनकारी छात्राओं से बातचीत के जरिए इस मसले को हल करने की कोशिश की जा रही है।

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