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सेक्सी कपड़े क्यों पहनती हो? बवाल के बाद यूनिवर्सिटी को बंद

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पंजाब/यूटर्न/24 सितंबर: राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (आरजीएनयूएल) पटियाला में बवाल मचा है। यहां के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और कुछ धरने पर बैठ गए हैं। छात्राएं गुस्से में हैं। अगले आदेश तक यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया है। मामला यूनिवर्सिटी के कुलपति के लड़कियों के हॉस्टल का निरीक्षण के बाद तूल पकड़ा। आरोप है कि वीसी अचानक निरीक्षण करने पहुंच गए। वह बिना बताए और छात्राओं की अनुमति के बिना ही हॉस्टल को यहां पर छात्राओं के कमरों में घुसकर चेकिंग की। आरोप यह भी है कि वीसी ने छात्राओं के कपड़ों को लेकर अभद्र टिप्पणी भी की। छात्राओं का यहां तक आरोप है कि वीसी ने उनसे कहा, ऐसे सेक्सी कपड़े क्यों पहनती हो? आरोपों से इनकार करते हुए, वीसी प्रो. जय शंकर सिंह ने कहा कि वह लड़कियों के छात्रावास का निरीक्षण करने गए थे। उन्हें वहां से कई शिकायतें आ रही थीं। कुछ छात्राओं ने शिकायत की थी कि हॉस्टल में आधी रात के बाद धूम्रपान और शराब पी जाती थी। उन्होंने कहा कि वह ऐसी ही छात्राओं की पहचान करने वहां गए थे।
शिकायत की जांच के लिए पहुंचे थे वीसी
प्रदर्शनकारी छात्रों के अनुसार, कुलपति ने दावा किया कि उनके दौरे का उद्देश्य मेस का निरीक्षण करना और प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए अपर्याप्त आवास के मुद्दे को संबोधित करना था। हालांकि, विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि लड़कियों के छात्रावास परिसर में आरजीएनयूएल समुदाय की महिला सदस्यों के लिए प्रतिबंध है, और यहां तक कि अभिभावकों को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है।
वॉर्डन या गार्ड भी साथ नहीं थे
कुलपति ने छात्रों या छात्रावास के वॉर्डन को इस तरह के निरीक्षण की कोई पूर्व सूचना नहीं दी। परिणामस्वरूप, उनके साथ कोई महिला शिक्षक या गार्ड नहीं था। कुलपति ने महिला छात्राओं के कमरों में प्रवेश किया, जो इस तरह के निरीक्षण से अनजान थीं। ऐसे में छात्राओं को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। एक छात्रा का आरोप है कि वह जैसे ही बाथरूम से नहाकर निकली, सामने वीसी खड़े थे। उन्होंने उससे तुरंत पूछताछ शुरू कर दी। उसे उचित ढंग से कपड़े पहनने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया और ऊपर से वीसी ने उसकी कपड़ों को लेकर टिप्पणी की।
थर्ड इयर की छात्राओं के कमरे में पहुंचे
छात्रों ने आगे आरोप लगाया कि कुलपति ने पहले वर्ष के छात्रों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय तीसरे वर्ष के छात्रों के कमरों का निरीक्षण करके अपने दौरे के घोषित उद्देश्य से भटक गए। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने छात्राओं के कपड़ों, व्यक्तिगत गतिविधियों और शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में असंवेदनशील और अनुचित टिप्पणी की।
रजिस्ट्रार की भी नहीं सुनी
जैसे विरोध बढ़ा रजिस्ट्रार प्रो. आनंद पवार मौके पर पहुंचे। उन्होंने शिकायतें सुनने के लिए 9 सदस्यीय समिति का गठन किया और छात्रों को सोमवार दोपहर बातचीत के लिए बुलाया। बात करने के लिए कोई छात्र नहीं पहुंचा और प्रदर्शन जारी रहा। विवाद बढऩे पर अगले आदेशों तक यूनिवर्सिटी को बंद करने का आदेश कर दिया गया। छात्रों को उनके घर जाने को कहा गया है।
वीसी का मांग रहे इस्तीफा
छात्रों ने कहा कि वे केवल वीसी से बात करेंगे और जब तक वह इस्तीफा नहीं देते, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे न ही अपने घर जाएंगे। छात्रों ने आरोप लगाया कि वीसी ने कहा कि वीसी उनके साथ अभद्रता से पेश आते हैं। वे विश्वविद्यालय में उनके पाठ्यक्रमों के चयन के बारे में सवाल उठाते हैं। उन्होंने एक लडक़ी से कहा लडक़ी हो, घरेलू हिंसा या शादी जैसा एक्ट उठाओ और आराम से घर पर कोर्स करो। क्यू इतना कॉम्प्लेक्स और नया टॉपिक लेती हो? प्रदर्शनकारी छात्र कुलपति के तत्काल इस्तीफे, लिखित बिना शर्त माफी, 19 मार्च 2019 को हस्ताक्षरित आपसी समझौते की शर्तों के अनुसार आरजीएनयूएल छात्र बार असोसिएशन के गठन, आरजीएनयूएल छात्र समुदाय की वर्तमान और भविष्य की चिंताओं को दूर करने के लिए आंतरिक शिकायत समिति के गठन की मांग कर रहे हैं।
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