हरियाना /यूटर्न/22 सितंबर: बिना धूम्रपान किए उसके धुएं के कारण देश में हर साल डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत हो रही है। एक सिगरेट पीने पर उसका धुंआ हवा में पांच घंटे तक रहता है और उस हवा में सांस ले रहे हर व्यक्ति के लिए नुकसानदायक है। यह बात रिसोर्स सेंटर फॉर टूबेको कंट्रोल के निदेशक प्रो. सोनू गोयल ने कही। पंजाब यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय इएनओ (इनवायरमेंट नॉडल ऑफिसर) संमेलन का शनिवार को दूसरा दिन रहा। पर्यावरणीय स्थिरता, जलवायु कार्रवाई और पर्यावरण-मानव स्वास्थ्य के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली विषय पर हो रहे संमेलन में विभिन्न सत्र आयोजित किए गए। संमेलन में वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य को लेकर हुई पैनल चर्चा में पीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ कमयुनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से प्रो. सोनू ने तंबाकू सेवन के जानलेवा प्रभावों के बारे में बताया। सिगरेट के धुएं को सेकेंड हैंड स्मोक भी कहते हैं। तंबाकू सेवन से प्रतिवर्ष करीब 13 लाख लोगों की मौत हो रही है। प्रो. सोनू ने बताया धूम्रपान से बीमारियां नहीं हो रही बल्कि यह अपनेआप में एक बीमारी है। धूम्रपान करने से व्यक्ति की अंदाजन सात साल उम्र कम होती है। नवजात शिशुओं में अस्थमा होने की एक वजह मां का धूम्रपान या उसके धुएं वाली हवा में सांस लेना भी हो सकता है।
वायु प्रदूषण के कारण वह गुलाबी से काले रंग के हो रहे फेफड़े
पैनल चर्चा में शामिल लंग केयर फाउंडेशन की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. कारमिन उप्पल ने वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान के बारे में बताया। व्यक्ति के फेफड़े आमतौर पर गुलाबी रंग के होते हैं लेकिन वायु प्रदूषण के कारण वह गुलाबी से काले हो रहे हैं। हवा में घुले प्रदूषण के कण सांस के जरिए व्यक्ति के शरीर में जा रहे हैं और विभिन्न बीमारियां पैदा कर रहे हैं। फेफड़ों के 48 प्रतिशत और दिल के 30 प्रतिशत रोग वायु प्रदूषण के कारण हो रही है। पैनल चर्चा में सभी सदस्यों ने इस पर सहमति जताई कि किस तरह वायु प्रदूषण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है और इससे बचने के लिए प्रदूषण को कम करना जरूरी है।
स्वस्थ शरीर के लिए इन आदतों को अपनाएं
कभी भी कूड़े को न जलाएं और अन्य को भी ऐसा करने से रोकें। कूड़ा जलाने से उसके पार्टिकल हवा में मिलकर सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए कचरे को अलग करें और न जलाएं।
आसपास निर्माण कार्य होने पर ध्यान रखें कि वह सरकार के नियमों के अनुसार हो और ढका हुआ हो ताकि वहां से अधिक धूल अन्य जगह न फैलें।
बहुत ज्यादा धूल न उड़ाएं।
घरों में पौधे लगाएं। घर के अंदर वायु की गुणवत्ता का ध्यान रखें कि हवा के आने-जाने की जगह है या नहीं।
बच्चों के पार्क से गाडिय़ों को दूर पार्क करें।
—————
खतरनाक है सिगरेट का धुंआ… हवा में मिलकर बन जाता है जहर, हर साल हो रही डेढ़ लाख लोगों की मौत
Kulwant Singh
👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं