कस्टम-CBI और कोर्ट के फोर्ज दस्तावेजों के सहारे हाउस अरेस्ट कर दिया ठगी को अंजाम
(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना
21 सितंबर। देश के बड़े कारोबारी ठगों के निशाने पर आ चुके हैं। कभी साइबर के जरिए तो कभी नौसरबाजी के तरीके से कारोबारियों को ठग लिया जा रहा है। लुधियाना से दो नए मामले सामने आए हैं। जिसमें देश के नामी टेक्सटाइल कारोबारी से करीब 7 करोड़ व एक्सपोर्ट कारोबारी से करीब 1 करोड़ की ठगी कर ली गई है। इन मामलों ने पूरे उद्योगिक घरानों में घबराहट का मौहाल पैदा कर दिया है। बड़ी बात तो यह है कि ठगी को अंजाम देने के लिए कस्टम, सीबीआई और कोर्ट के जाली दस्तवेजों का सहारा लेकर ठगों द्वारा पीड़ितों को मनी लॉड्रिंग केस में हाउस अरेस्ट तक कर दिया गया था।
जानकारी अनुसार यह ठगी किसी और से नहीं बल्कि एपेक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री पंजाब के प्रधान रजनीश आहूजा के साथ हुई। जिसमें उनसे 1 करोड़ एक लाख रुपए ठग लिए गए। थाना साइबर सैल की पुलिस ने सराभा नगर के रजनीश आहूजा की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले संबंधी शिकायतकर्ता रजनीश आहूजा से बातचीत कर पूरे ठगी के मामले को समझा गया। जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
इललीगल पार्सल विदेश भेजने का लगाया आरोप
कारोबारी रजनीश आहूजा ने बताया कि 19 सितंबर की सुबह करीब पौने 9 बजे उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताया। उसने कहा कि आपकी आईडी प्रूफ से एक पार्सल मलेशिया के वानसु के नाम पर भेजा जा रहा था। जिसमें 16 जाली पासपोर्ट व 48 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। रजनीश आहूजा ने मामले में अपना पक्ष रखा तो कस्टम अधिकारी ने उनके बारे में दिल्ली पुलिस से संपर्क करने की बात कही।
दिल्ली पुलिस ने कहा मनी लॉड्रिंग केस है दर्ज
आहूजा ने बताया कि कस्टम अधिकारी के बाद उन्हें दिल्ली पुलिस अधिकारी के नाम से एक व्यक्ति ने कॉल की। उसने कहा कि आपके खिलाफ सीबीआई की और से मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया गया। क्योंकि आपकी तरफ से भारत के युवाओं को मलेशिया भेजकर वहां बंदी बनाकर उनके परिवारों से फिरौती मांगी जाती है। इस बात पर रजनीश आहूजा काफी डर गए।
अरेस्ट वारंट जारी होने की बात कह धमकाया :
रजनीश आहूजा ने बताया कि सीबीआई अधिकारी बन ठग ने कहा कि उन पर मनी लॉड्रिंग मामले में अरेस्ट वारंट जारी हैं। और आपने एक्वायंरी नहीं ज्वाइंन की। ठग ने उन्हें सात फर्जी सीबीआई के अरेस्ट वारंट भी भेजते हुए सच्चाई परमाणित करने को सिक्योरिटी के तौर पर राशि जमा कराने की बात कही।
सिक्योरिटी के तौर पर मंगवाई पेमेंट :
कारोबारी आहूजा ने कहा कि सीबीआई अफसर ने मामले की जांच तक तीन घंटे के लिए 86 लाख रुपए सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराने को कहा। ठग ने उक्त पेमेंट जांच में सही पाए जाने पर वापिस करने का आश्वासन दिया। जब आहूजा ने पेमेंट जमा करवाई तो अन्य ठग ने कैल्कुलेशन में गलती का तर्क दे 15 लाख और जमा कराने की बात कही। फिर आहूजा ने और पेमेंट जमा करवाई।
आईसीआईसीआई बैंक के भारतीय खातों में ट्रांसफर हुए पैसे :
कारोबारी आहूजा ने बताया कि उन्होंने उक्त पेमेंट आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर की थी। शुरुआती जांच अनुसार खाता मुंबई ठाने की एक आईसीआईसीआई ब्रांच का है, जोकि यूनिक वे इंटरप्राइज नामक फर्म पर रजिस्टर्ड है। आरोपियों द्वारा सारी पेमेंट उसी खाते में ट्रांसफर करवाई गई थी। जिसके बाद सारी पेमेंट कई खातों में ट्रांसफर की गई।
हाउस अरेस्ट किया, किसी से बात न करने की दी हिदायतें:
आहूजा ने बताया कि फर्जी अधिकारियों ने उन्गें मामला अति गोपनीय की बात कह हाउस अरेस्ट कर लिया और घर से बाहर न जाने और न ही किसी से बात करने की धमकी दी। यहां तक कि उन्हें इस संबंधी अपने परिवार से भी बात नहीं करने दी। ठगों ने पहले तीन घंटे लगातार कभी कस्टम, कभी दिल्ली पुलिस व सीबीआई अधिकारी बनकर बात की।
सुबह 9 से देर रात तक निरंत्र हुई फोन पर बात :
कारोबारी आहूजा ने बताया कि ठगों द्वारा उनसे सुबह 9 बजे से लेकर देर रात तक निरंत्र बात की गई। वह किसी से बात न करें, इस लिए ठगों द्वारा पूरा दिन मोबाइल एक मिनट भी बंद नहीं होने दिया। वह लगातार बात करे रहे। यहां तक कि वह पेमेंट भेजने ऑफिस गए तो उन्हें हिदायत दी कि वह अपने कैबिन में किसी को न आने दें। बात न मानने पर अरेस्ट करने की धमकी दी। ठगों ने ऑफिस जाने पर भी कॉल नहीं बंद की गई। उन्होंने आहूजा को एक मिनट भी फोन बंद न करने की हिदायतें दी।
38 करोड़ की फिरौती की बनाई कहानी :
शिकायतकर्ता अनुसार जाली सीबीआई अफसर ने उन्हें कहा कि भारत का एक संजय सिंह नामक व्यक्ति इंडिया के युवाओं को वर्क परमिट पर मलेशिया भेजता है। वहां युवाओं को बंदी बनाकर उनके परिवारों को फोन करके फिरौती मांगी गई है। वह 38 करोड़ की फिरौती की रकम आपके खाते में भेजी गई है। जिसमें से 10 प्रतिशत पेमेंट का हिस्सा उन्हें मिलना है। रजनीश आहूजा ने कहा कि ठगों द्वारा कारोबारियों के नाम पर पहले फर्जी खाते खोले जाते हैं। जिसके बाद उसमें फंडिग होने की बात कह धमकाकर पैसे लिए जा रहे हैं।
पुलिस ने ठगों का लगाया सुराग :
आहूजा ने कहा कि 19 सितंबर को देर रात तक ठग उन्हें फोन कर धमकाते रहे। दूसरे दिन सैर करते हुए उन्हें ठगी का शक हुआ तो पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल को शिकायत दी। साइबर सैल के इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह ने तुरंत एक्शन लिया। आहूजा ने कहा कि ठगों और उनके द्वारा ट्रांसफर की पेमेंट के खातों का पता चल चुका है। जल्द पुलिस मामला सुलझा लेगी।
नामी टेक्सटाइल कारोबारी से भी 7 करोड़ ठगे :
वहीं देश के नामी और लुधियाना से संबंधित टेक्सटाइल कारोबारी से भी ठगों द्वारा कुछ दिन पहले करीब सात करोड़ रुपए की ठगी मारने की चर्चाएं गर्म है। हालाकि इस मामले को भी पुलिस द्वारा काफी हद तक ट्रेस कर सफलता हासिल कर ली है। यह भी चर्चा है कि कारोबारी के करीब पांच करोड़ रुपए की रिकवरी भी की जा चुकी है। लेकिन पुलिस द्वारा मामले संबंधी कोई बयान नहीं दिया गया है।





