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पचास हजार की नगदी लेने के नियम से ज्यूलरी कारोबारियों के लिए नया संकट

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खरीदार के खाते में अगर ठगी करने वाले ने कैश भेज दिया तो ज्यूलर्स के बैंक खाते भी सीज करा रही पुलिस

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दरअसल ऑन-लाइन या किसी भी तरीके से अगर खरीदार से ज्यूलर्स अपने बैंक खाते में भुगतान ले रहे हैं तो उनके खाते भी सीज हो रहे हैं। बताते हैं कि राजधानी दिल्ली से लेकर औद्योगिक नगरी लुधियाना तक कई ज्यूलर्स के खाते पुलिस सीज कर चुकी है। जानकारी के मुताबिक लुधियाना में तीन-चार सराफा कारोबारियों के खाते सीज हो चुके हैं। गुजरात और वैस्ट बंगाल की पुलिस ने ठगी के कुछ मामलों में चेन-एक्शन के तहत तीसरे-चौथे या पांचवे खाते में खरीदार से भुगतान लेने वाले ज्यूलर्स के खाते भी सीज कर रही है।

जल्द नेशनल मीटिंग, मुद्दा उठेगा : सीकरी

लुधियाना ज्यूलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आनंद सीकरी ने रोष जताया कि भला ज्यूलरी कारोबारी कैसे जान सकते हैं कि खरीदार के खाते में आगे कहां से कैश आया। बाकी पुलिस तो अपने ही अंदाज में ठगी के मामलों की जांच कर रही है। कोई भी ज्यूलरी का खरीदार उनकी जांच के दायरे में आता है तो चेन-एक्शन के तहत ज्यूलर के बैंक खाते भी सील कर रही है। अब तो लुधियाना में भी कुछ ज्यूलर्स पर कार्रवाई हो गई। हमारी एसोसिएशन, जैम एंड ज्यूलरी कौंसिल से एफिलेट है, उसकी मीटिंग 24 सितंबर को मुंबई में होगी। वह यह मुद्दा जोरदारी से उठेगा। फिर आगे सरकार से बातचीत कर इस समस्या का हल निकाला जाएगा।

ज्यूलर कैसे जांच करें खरीदार के खाते की : ढांडा

लुधियाना ज्यूलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मनोज ढांडा भी तीखा रोष जताते हैं कि इस नए संकट से ज्यूलर्स का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। खरीदार तो ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। ज्यूलर्स अब भला उनके खातों की कैसे जांच कर सकते हैं कि उनको आगे किसने पैसा ट्रांसफर किया है। लुधियाना में भी तीन-चार ज्यूलर्स के खाते गुजरात और वैस्ट बंगाल की पुलिस ने ठगी मामलों की जांच के तहत चेन-एक्शन लेकर सीज करा दिए। इस मामले में एसोसिएशन जल्द सरकार के स्तर पर बात करेगी।

दिल्ली के ज्यूलर्स भी मुसीबत में फंसे :

बताते हैं कि अकेले राजधानी दिल्ली में ही बीते पांच महीने में तीन ज्यूलर्स के खाते सीज हो चुके हैं। इन खातों को दोबारा खुलवाने के लिए उन्हें दूसरे राज्यों की पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यहां ताजा मामला ज्वेलरी बेचकर बैंक खाते में 15 लाख रुपये लेने के बाद सामने आया। इस केस में तमिलनाडु पुलिस ने ज्यूलर का खाता सीज कर दिया। पुलिस का तर्क था कि जिस खाते से रकम ट्रांसफर की गई, उसमें 40 लाख रुपये ठगी की रकम भेजी गई थी। वहां ऑल बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन इसे लेकर रोष जता चुकी है। एसोसिएशन की दलील है कि दुकानदार ने सीधे ग्राहक को सामान नहीं बेचा था। दूसरे दुकानदार को सामान बेचने पर उसे 15 लाख रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। अब भला दुकानदारों के पास ऐसी कौन सी तकनीक है, जिससे वह रकम लेने से पहले यह पड़ताल कर सकें कि जो रकम उन्हें दी जा रही है, वह किस तरह से कमाई गई है।

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