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रिहायशी इलाकों में नगर निगम का कमर्शियल खेल, CLU के नियमों की धज्जियां उड़ा दी जा रही परमिशनें

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मॉडल टाउन में 9 मंजिलां अवैध इमारत बनाने का मामला

लुधियाना 18 सितंबर। लुधियाना की नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच हमेशा अपने अवैध कार्यों को लेकर चर्चा में रहती है। वहीं, आम आदमी पार्टी की सरकार में पुरानी सरकारों को पीछे छोड़ते हुए भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए गए हैं। आप सरकार में सरकारी तंत्र इतना शातिर हो चुका है कि उन्हें पता है कि ज्यादातर मंत्री व विधायक पहली बार सत्ता में आए हैं। जिसके चलते उन्हें प्रैक्टिकल जानकारी नहीं है। उसी चीज का फायदा उठाते हुए अधिकारियों द्वारा सभी को चक्कर में डाल रखा है। लुधियाना शहर की बात करें तो कोई भी सड़क ऐसी नहीं बची जहां पर अवैध निर्माण न हो रहा हो। निगम द्वारा सभी सड़कों को जबरन कमर्शियल बना दिया जा रहा है। जिसका जहां मन करता है वह नगर निगम तंत्र के साथ मिलकर अपनी अवैध बिल्डिग बना रहा है। ताजा मामला मॉडल टाउन 9 मंजिलां बिल्डिंग का मामला सामने आया है। जहां इमारत के बिल्डर मालिक ने इतनी बड़ी इमारत बनाकर सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। शहर का कोई विधायक ऐसा नहीं जिसके एरिया में अवैध बिल्डिंग न बन रही हो। लोगों में चर्चा है कि या तो विधायकों को इसका पता नहीं चल पा रहा है और या तो उन्हें पता होने के बावजूद सुनवाई नहीं हो पा रही। बता दें कि मॉडल टाउन में बन रही 9 मंजिलां अवैध इमारत का नगर निगम ने जबरन ही सीएलयू कर डाला, जबकि नियमों के तहत वहां रिहायशी इलाका होने के चलते कमर्शियल इमारत बन ही नहीं सकती और न ही उसका सीएलयू हो सकता है। चर्चा है कि नगर निगम जोन-डी के बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों द्वारा मोटी रिश्वत लेकर नियमों को साइड़ कर सीएलयू दे दिया गया है। जबकि नक्शे के मुताबिक बिल्डिंग की बेसमेंट एक मंजिलां बननी थी। लेकिन बिल्डिंग मालिक द्वारा इसे जबरन दो मंजिलां बनाया गया था।

अपनी ही बातों में फंस रहा नगर निगम
दरअसल, नगर निगम की और से एक तरफ गुजरखां रोड को कमर्शियल करने संबंधी मता डालने के दावे किए जा रहे है और कहा गया है कि रोड कमर्शियल कर दी गई है। जबकि दूसरी तरफ उक्त 9 मंजिलां इमारत को मालिक को सीएलयू दे रखा है। नियमों के मुताबिक जो सड़क कमर्शियल है, वहां सीएलयू की जरुरत नहीं होती। नगर निगम अधिकारी खुद ही अपनी बातों में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। जिससे जाहिर है कि नगर निगम सिर्फ लोगों को पागल बनाने का काम कर रहा है, ताकि किसी तरह वह बिल्डिंग बन जाए और बाद में उस पर एक्शन न हो सके।

जबरन बनाई दो मंजिलां बेसमेंट, लोगों के घरों में आई दरारें
इलाका निवासियों का आरोप है कि उक्त 9 मंजिलां इमारत के मालिक द्वारा नक्शे के मुताबिक बेसमेंट एक मंजिलां बनाई जानी थी। लेकिन उसने जबरन दो मंजिलां बनाई। जहां से कई ट्रक तो मिट्‌टी के भरकर निकले। लेकिन इससे आसपास के लोगों के घरों व लेंटर में दरारें आ गई। लोगों का आरोप है कि इस संबंधी कई शिकायतें नगर निगम को की। लेकिन वह मौके पर आकर अपनी सेटिंग करके वहां से चले जाते थे और बिल्डिंग मालिक बेपरवाह होकर अपना काम करता रहा।

पिछली सरकारों की तरह आप सरकार में भी जनता गुमराह
लोगों में चर्चा है कि पिछली सरकारों की तरह आम आदमी पार्टी की सरकार में भी जनता को गुमराह किया जा रहा है। नगर निगम पैसे लेकर जनता को सरेआम गुमराह कर रही है। निगम अधिकारियों का जहां मन करता है, वहीं सीएलयू दे दिया जा रहा है। लोगों में चर्चा है कि आप सरकार में धक्केशाही ज्यादा बढ़ चुकी है। सरकारी तंत्र जमकर अपनी जेबें भर रहा है।

बिल्डिंग ब्रांच अधिकारियों ने बनाई करोड़ों की प्रॉपर्टी
वहीं चर्चा है कि नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों द्वारा इसी तरह हेरफेर करके और बड़े सत्र पर रिश्वत लेकर अपनी करोड़ों की प्रॉपर्टियां बना ली है। चर्चा है कि बिल्डिंग ब्रांच का एक एक अधिकारी 5 से 700 करोड़ का मालिक बन चुका है। यहां तक कि कई अधिकारियों द्वारा तो अपने कुत्तों को भी टिकट के चार लाख रुपए खर्च कर विदेश घुमाया जा रहा है।

हाईकोर्ट पहुंच चुका मामला
बता दें कि इस मामलें में नगर निगम द्वारा तो बेशक कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन इलाके के लोगों द्वारा हाईकोर्ट की दरवाजा खटखटाया गया है। इलाका निवासी राजिंदर सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट डॉ. चरणपाल सिंह बागड़ी और डॉ. गुरजीत कौर बागड़ी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट द्वारा इस मामले में बिल्डिंग निर्माण पर रोक लगा दी गई और बकायदा निगम कमिश्नर को तलब किया है।

राजनेताओं की शह पर बनी इमारत
वहीं लोगों में चर्चा है कि इस बिल्डिंग का मालिक मॉडल टाउन का ही एक बिल्डर है। जिसकी कई पार्टियों के राजनेताओं के साथ अच्छी सेटिंग है। उन्हीं राजनेताओं की शह पर यह बिल्डिंग बनाई गई है। राजनीतिक शर्ण के कारण ही निगम इस मामले में कोई एक्शन नहीं ले रहा है। चर्चा यह भी है कि एक नेता का घर बिल्डिंग के एकदम साथ है, लेकिन फिर भी उन्होंने इस अवैध निर्माण को रोका नहीं।

क्या निगम कमिश्नर इस अवैध इमारत पर लेंगे एक्शन
जानकारी के अनुसार मंगलवार को नगर निगम के कमिश्नर आदित्य डेचलवाल की और से अधिकारियों संग मीटिंग की गई। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को शहर की अवैध इमारतों की जानकारी निकालने और उन पर एक्शन लेने के आदेश दिए हैं। लेकिन मॉडल टाउन में बन रही 9 मंजिलां इमारत में तो भ्रष्टाचार होने का मामला तो जग जाहिर है। अब देखना होगा कि निगम कमिश्नर डेचलवाल की और से इस मामले में एक्शन लिया जाएगा या नहीं।

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