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साइबर ठगों को बेच देता था खाता, प्राइवेट बैंक के डिप्टी मैनेजर की करतूत सुन हिल जाएंगे

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हरियाना/यूटर्न/18 सितंबर: साइबर ठग आए दिन लोगों की मेहनत की कमाई ऐंठ रहे हैं। चिंता की बात है कि जालसाजी में ठगों का साथ कई बैंक कर्मचारी कर रहे हैं। शहर में फिर से एक बैंक के कर्मचारी को ठगों को खाता मुहैया करवाने के आरोप में गिरफतार किया गया है। बैंक का डिप्टी मैनेजर आकाशदीप सिंह ठगों को अकाउंट दिलाकर उसमें ठगी की रकम मंगवाकर निकालने में मदद करता था। साइबर थाना मानेसर ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया।
डिप्टी मैनेजर का एक साथी पहले ही गिरफतार
पता चला है कि इस मामले में डिप्टी मैनेजर का एक साथी पहले भी गिरफतार हो चुका है। आरोपियों ने शहर के एक शखस को शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर ठगा था। उससे ठगी गई 25 लाख 50 हजार रुपये की राशि बैंककर्मी की ओर से खुलवाए गए बैंक अकाउंट में ही भेजी गई थी। इस रकम को बाद में आरोपी बैंक कर्मी ने निकलवाया था। पुलिस ने आरोपी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
20 हज़ार रुपये कमीशन मिला था
इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने बताया कि इसी केस में एक अन्य बैंककर्मी समेत अकाउंट होल्डर को भी गिरफतार कर चुकी है। आकाशदीप सिंह के साथी असिस्टेंट सेल्स मैनेजर हरप्रीत सिंह निवासी फतेहगढ़ साहिब (पंजाब) और देवेंद्र सिंह निवासी पटियाला (पंजाब) को पहले ही अरेस्ट किया किया जा चुका है। आकाशदीप सिंह से पूछताछ में सामने आया कि उसने इस केस में पीडि़त से ठगी गई राशि में से 25 लाख रुपये आरोपी देवेंद्र के खाते में ट्रांसफर कराए थे। आकाशदीप और हरप्रीत दोनों बैंक में कर्मचारी थे। आकाशदीप और हरप्रीत ने देवेंद्र का बैंक खाता खुलवाकर साइबर ठगों को उपलब्ध करवाया था, जिसके बदले में देवेंद्र को 10 हजार रुपये, आरोपी हरप्रीत को 20 हजार और आकाशदीप सिंह को भी करीब 20 हजार रुपये मिले थे।
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