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मैं यह लड़ाई अपने लिए नहीं, आपके लिए लडऩा चाहता हूं… हरियाणा चुनावों में इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं भूपेंद्र हुड्डा

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हरियाना/यूटर्न/17 सितंबर: मैं यह लड़ाई अपने लिए नहीं, बल्कि आपके लिए लडऩा चाहता हूं… मैं चाहता हूं कि हरियाणा एक बार फिर नंबर वन बने। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र गढ़ी सांपला-किलोई में कुछ दिन पहले आयोजित एक चुनावी रैली के मंच से यह बात कही थी। हरियाणा के मुखयमंत्री रह चुके हुड्डा रविवार को 77 साल के हो गए। वह रोहतक से चार बार सांसद रह चुके हैं। 1990 के दशक में उन्होंने पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल को इस सीट पर तीन बार शिकस्त दी थी। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा में चुनाव जीतने पर उसके विधायक और आला कमान मुखयमंत्री चुनेगा, लेकिन राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों में दिग्गज जाट नेता हुड्डा को पार्टी का चेहरा माना जा रहा है। कांग्रेस भिवानी को छोड़ हरियाणा की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसने भिवानी सीट मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के लिए छोड़ी है।
हुड्डा की है मजबूत पकड़
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने हरियाणा की सिरसा सहित पांच सीट पर जीत दर्ज की। वहीं, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की उसकी सहयोगी आप को कुरुक्षेत्र सीट पर हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए हुई वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद आप ने ‘एकला चलो’ की रणनीति अपनाई है। ऐसा माना जाता है कि हुड्डा विधानसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के खिलाफ थे। पार्टी के भीतर अपने कुछ विरोधियों के विरोध के बावजूद हुड्डा कांग्रेस की हरियाणा इकाई से जुड़े मामलों पर मजबूत पकड़ बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। गढ़ी सांपला-किलोई रोहतक जिले का एक जाट बहुल ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है। यह सीट 2007 में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। हुड्डा इस सीट पर फिर से चुनाव जीतने की कोशिशों में जुटे हैं। गढ़ी सांपला-किलोई को हुड्डा परिवार का गढ़ माना जाता है। परिसीमन से पहले यह सीट किलोई के नाम से जानी जाती थी।
तब भजन लाल को दी थी मात
साल 2005 में कांग्रेस के हरियाणा में 67 विधानसभा सीटें जीतकर सत्ता में लौटने के बाद पार्टी आला कमान ने रोहतक के तत्कालीन लोकसभा सांसद हुड्डा को राज्य का मुखयमंत्री बनाने का फैसला किया। मुखयमंत्री पद की दौड़ में हुड्डा ने पार्टी के दिग्गज नेता भजन लाल को मात दी थी। वह 2014 तक इस पद पर बने रहे। पिछले हफते अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद हुड्डा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से कहा कि आपने मुझे मौका दिया। आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी और आपके आशीर्वाद की बदौलत हूं। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर भी वह आर-पार की लड़ाई लडऩा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने लिए नहीं, बल्कि राज्य के लोगों के लिए। पूर्व मुखयमंत्री ने बीजेपी को हरियाणा की सत्ता से बेदखल करने के लिए लोगों से अपनी पार्टी का समर्थन करने की अपील की। हुड्डा ने दोहराया कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में मतदाता वोट काटू (वोट काटने वाली) पार्टियों को खारिज कर देंगे।
हुड्डा बोले, हरियाणा पिछल गया है
पूर्व मुखयमंत्री ने दावा किया कि जब उन्हें सरकार चलाने का मौका मिला, तब हरियाणा विकास के विभिन्न मानकों, मसलन-प्रति व्यक्ति आय, निवेश, कानून-व्यवस्था, रोजगार सृजन, किसानों और गरीबों का कल्याण सहित अन्य में काफी आगे था। उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन आज राज्य काफी पिछड़ गया है। बेरोजगारी चरम पर है, अपराध बढ़ रहा है और लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि जनता बीजेपी के 10 साल के शासन से तंग आ चुकी है। हुड्डा ने कांग्रेस के सत्ता में लौटने पर बुजुर्गों के लिए पेंशन दोगुनी करने, दो लाख ‘रिक्त’ पदों को भरने, 300 यूनिट मुफत बिजली और 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने तथा सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का भरोसा दिलाया है।
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