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‘इंडियन चार्ल्स शोभराज’ पर चोरी का पर्चा रद्द, हाईकोर्ट का फर्जी जज बन 2700 अपराधियों को दी थी जमानत

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पंजाब 16 सितंबर। फर्जी जज बनकर 40 दिन तक 2700 अपराधियों को जमानत देने वाले हरियाणा के भिवानी जिले के धनीराम मित्तल के खिलाफ चंडीगढ़ में 20 साल पहले दर्ज चोरी के मामले को जिला अदालत ने बंद कर दिया है। क्योंकि करीब पांच महीने पहले 18 अप्रैल 2024 को दिल का दौरा पड़ने से धनीराम की मौत हो गई थी। मौत के वक्त उसकी उम्र 86 साल थी। वह देशभर में ‘सुपर नटवरलाल’ और चोरों के सरगना के तौर पर मशहूर था। धनीराम को ‘इंडियन चार्ल्स शोभराज’ के नाम से भी जाना जाता था। धनीराम एक आदतन चोर था, जिसने जीवन के आखिरी पड़ाव में भी अपराध करना नहीं छोड़ा। धनी राम पर चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाना में 2004 में केस दर्ज हुआ था। आरोप था कि उसने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की पार्किंग से अशोक कुमार नाम के व्यक्ति की कार चुराई थी। तीन साल के बाद पुलिस ने कार को बरामद कर लिया था। बीमार रहने व उम्र ज्यादा होने के चलते उसे जमानत मिल गई थी।

सीटिंग जज के नाम पर निकाले थे फर्जी आदेश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1970 से 1975 के बीच की बात है धनीराम ने एक अखबार में हरियाणा के झज्जर में एडिशनल जज के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश की खबर पढ़ी। इसके बाद उसने कोर्ट परिसर जाकर जानकारी ली और एक चिट्ठी टाइप कर सीलबंद लिफाफे में वहां रख दिया। उसने इस चिट्ठी पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की फर्जी स्टैंप लगाई, हूबहू साइन किए और विभागीय जांच वाले जज के नाम से इसे पोस्ट कर दिया। इस लेटर में उस जज को 2 महीने की छुट्टी भेजने का आदेश था। इस फर्जी चिट्ठी और उस जज ने सही समझ लिया और छुट्टी पर चले गए। इसके अगले दिन झज्जर की उसी कोर्ट में हरियाणा हाईकोर्ट के नाम से एक और सीलबंद लिफाफा आया, जिसमें उस जज के 2 महीने छुट्टी पर रहने के दौरान उनका काम देखने के लिए नए जज की नियुक्ति का आदेश था। इसके बाद धनीराम खुद ही जज बनकर कोर्ट पहुंच गया।

40 दिनों तक जज बनकर बैठा रहा

सभी कोर्ट स्टाफ ने उन्हें सच में जज मान लिया। वह 40 दिन तक मामलों की सुनवाई करता रहा और हजारों केस का निपटारा कर दिया। धनीराम ने इस दौरान 2700 से ज्यादा आरोपियों को जमानत भी दे दी। बताया ये भी जाता है कि धनीराम मित्तल ने फर्जी जज बनकर अपने खिलाफ केस की खुद ही सुनवाई की और खुद को बरी भी कर दिया। इससे पहले कि अधिकारी समझ पाते कि क्या हो रहा है, मित्तल पहले ही भाग चुका था। इसके बाद जिन अपराधियों को उन्हें पकड़ा गया।

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