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हरियाणा में किसानों की महा-पंचायत में 22 सितंबर को रैली निकालने का फैसला, पुलिस भी रही मुस्तैद

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गरजे किसान नेता बोले, सत्ता खोने से डर रही भाजपा, किसानों पर गुस्सा निकाल रही, आंदोलन रहेगा जारी

जींद 15 सितंबर। रविवार को यहां उचाना की अनाजमंडी में किसानों की महा-पंचायत जारी किसान आंदोलन को लेकर हुई। गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने महापंचायत की अध्यक्षता की। पंजाब से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी इस महा-पंचायत में मौजूद रहे। इस दौरान अनाज मंडी में भारी पुलिस बल तैनात रहा।

जानकारी के मुताबिक महापंचायत में किसानों ने ऐलान किया कि 22 सितम्बर को पिपली में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। साथ ही सरकार के खिलाफ रैलियां भी निकाली जाएंगी। किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा की जनता भाजपा सरकार को उसके 10 साल के शासन की सजा देना चाहती है। भाजपा सरकार इससे डर गई है और अपना गुस्सा किसानों पर निकाल रही है। किसान-मजदूरों पर गोली चलाने वाली सरकार को जनता दोबारा सत्ता में नहीं आने देगी।

वहीं, किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि हम किसी पार्टी को वोट देने की अपील नहीं करते हैं। हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि आपको पिछले 10 सालों में किसानों पर जो अत्याचार हुए हैं। किसान आंदोलन में झूठे मुकदमे दर्ज किए गए, इस आंदोलन में किसानों पर 5 हजार मुकदमे दर्ज किए गए। शुभकरण की कैसे गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रितपाल को जेल में डालकर उसके पैर तोड़ दिए गए। हमें यह सब ध्यान में रखते हुए वोट करना है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता महेंद्र सिंह मांडी ने कहा कि भाजपा ने वादा किया था कि युवाओं को 2 करोड़ रोजगार दिया जाएगा। किसानों की आमदनी दोगुनी की जाएगी। मोदी सरकार ने सिर्फ 2 लाख रोजगार दिए हैं। स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नही की गई। गेहूं को तैयार करने में 3600 रुपए खर्च आता है। जबकि भाव 2300 रुपए क्विंटल मिलता है। किसानों को मारने की नीतियां हैं। भाजपा सरकार ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों अभिमन्यु कोहाड़ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों को नोटिस जारी किए हैं। वो लोग साउंड और टेंट वालों को थाने में बुलाकर धमकी देते हैं कि अगर तुम वहां सामान लेकर गए तो तुम पर कार्रवाई होगी और सामान भी जब्त कर लेंगे। हम पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं, हम पर आचार संहिता लागू नहीं होती।

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