हरियाना/यूटर्न/15 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली के मुखयमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने के बाद हरियाणा की चुनावी राजनीति प्रभावित हो सकती है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद प्रचार शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर चुके हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में अन्य दलों के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता भी चुनाव प्रचार में उतरेंगे। आप के स्टार प्रचारकों की सूची में अरविंद केजरीवाल का नाम सबसे पहले है। आम आदमी पार्टी हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 46 सीटों पर उंमीदवार उतारे थे। लेकिन पार्टी का वोट शेयर केवल 0.48 प्रतिशत रहा था। आम आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा के अनुसार केजरीवाल जल्द ही हरियाणा के प्रचार में उतरेंगे। केजरीवाल के आने से पार्टी के सभी प्रत्याशियों को लाभ मिलेगा। उनके कार्यक्रमों को लेकर कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है।
कांग्रेस को नुकसान
जानकारों का कहना है कि केजरीवाल के हरियाणा में सक्रिय होने का अधिक नुकसान कांग्रेस को होगा। कांग्रेस मुखय विपक्षी दल की भूमिका में है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप ने मिलकर चुनाव लड़ा था जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान भी दोनों दलों में अंतिम समय तक गठबंधन को लेकर बैठकें चलती रहीं। सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण गठबंधन सिरे नहीं चढ़ा।
सुनीता केजरीवाल भी मैदान में
हरियाणा में कांग्रेस इस बार भी बगैर संगठन के चुनाव लड़ रही है जबकि आम आदमी पार्टी अपना संगठन पूरे हरियाणा में खड़ा कर चुकी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मोर्चा संभाले देखी गई हैं और केजरीवाल की गैरमौजूदगी में प्रचार कर रहीं थीं। केजरीवाल का हरियाणा में हिसार के खेड़ा में पुश्तैनी गांव है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में भी केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते आए हैं।
दिल्ली से सटे इलाकों में फायदा
पार्टी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल हरियाणा में प्रचार करते समय दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, सोनीपत आदि जिलों में दिल्ली में किए गए कामों का तो कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, हिसार और सिरसा जिलों में पंजाब में किए गए कामों को गिनाकर वोट मांगेंगे। पंजाब और दिल्ली के मंत्रियों को पहले ही हरियाणा में प्रचार के लिए उतारा जा चुका है। माना जा रहा है कि दस जिलों में केजरीवाल के चुनाव प्रचार का सीधा नुकसान कांग्रेस पार्टी को होगा।
नाराज नेताओं से संपर्क साधना शुरू
केजरीवाल की रिहाई के बाद कार्यकर्ता काफी बूस्ट हुए हैं। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल के हरियाणा में प्रचार के लिए उतरने से पहले कांग्रेस और बीजेपी के नाराज नेताओं को संपर्क करने में जुट गए हैं। आने वाले दिनों में नाराज चल रहे नेताओं को न केवल आप में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा बल्कि अंदरूनी तौर पर उनसे वोट की मदद भी ली जाएगी। बीजेपी और कांग्रेस के नाराज नेता अगर आप की मदद करते हैं वह दोनों के प्रत्याशियों के लिए भीतरी घात होगा।
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अरविंद केजरीवाल के आने से हरियाणा चुनाव में आप को मिलेगा बूस्टर? जानें किन सीटों पर पड़ सकता है असर
Kulwant Singh
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